पटना... बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में भाजपा दूसरे स्थान पर रही। राजद से महज एक सीट पीछे रहने का टीस अब भाजपा को सहलाने लगा है और चुनाव परिणाम आने के एक महीनें बाद अब पार्टी के ही कई सांसद मुखर हो गए हैं। पूर्व मंत्री व औरंगाबाद के बीजेपी कैंडिडेट रामाधार सिंह का आरोप है कि अगर चुनाव में दक्षिण बिहार के सांसदों ने अगर पार्टी से गद्दारी नहीं की होती तो भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ा दल विधानसभा में होता। रामाधार सिंह का निशाना औरंगाबाद सांसद सुशील सिंह और बक्सर और सासाराम के बीजेपी सांसद पर है।
रामधार सिंह ने कहा कि अगर हमारे सांसदों के गद्दारी नहीं की होती तो हम आठ सीट जीतकर बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होते। कुछ हमारे ही सांसदों की गद्दारी के कारण बक्सर रामगढ़, चेनारी, चैनपुर, डेहरी औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, सहित आठ सीट भारतीय जनता पार्टी को हारना पड़ा। अगर आठ सीट भारतीय जनता पार्टी का होता तो 74 से 82 विधायक विधानसभा में होते और एनडीए गठबंधन पूर्ण मजबूती के साथ होता।
रामाधार सिंह ने आगे कहा कि जिन सांसदों ने पार्टी के साथ गद्दारी की है, जांच कर उनपर करवाई होनी चाहिए। इस पर पूरा समीक्षा होना चाहिए। केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व से एक छोटे कार्यकर्ता होने के नाते मेरा अनुरोध होगा कि चाहे वह सांसद, जिलाध्यक्ष या फिर जिला का एक छोटा पदाधिकारी हों, जिनके कारण भारतीय जनता पार्टी बिहार विधानसभा में सबसे बड़ा दल बनने से वंचित रह गया, उन पर कठोर कार्रवाई हो ।