PATNA : पटना के आईएमए हाल में आज महान किसान नेता स्वामी सहजानन्द सरस्वती की 72 वीं पुण्यतिथि मनायी गयी। इसमें बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल समेत कई भाजपा के बड़े नेता शामिल हुए। वहीँ इस कार्यक्रम में हिन्दू जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक और भाजपा नेता जीवन कुमार ने स्वामीजी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा की स्वामी सहजानंद के किसान संगठन के दवाब में आकर देश में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के कैबिनेट ने जमींदारी प्रथा का उन्नमूलन कर बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में आम किसानों के हित में एक बड़ा संदेश देने का काम किया। उन्होंने कहा की स्वामी सहजानंद सरस्वती के बाद किसानों का कोई ऐसा नेता नहीं हुआ, जो उनके हक़ की लड़ाई लड़ सके।
जीवन कुमार ने कहा की देश की तत्कालीन परिस्थितियों को देख गांधीजी के कहने पर 1920 में स्वामी सहजानंद आजादी की लड़ाई में कूदे पड़े। बिहार को अपने आंदोलन का केन्द्र बनाया। इस दौरान गाजीपुर, वाराणसी, आजमगढ़, फैजाबाद और लखनऊ जेल उनका ठिकाना बना। कुछ समय पटना के बांकीपुर जेल और लगभग दो साल हजारीबाग केन्द्रीय कारा में सश्रम कारावास की सजा झेली। बिहार में 1934 के भूकंप से तबाह किसानों को मालगुजारी में राहत दिलाने की बात को लेकर गांधीजी से उनकी अनबन हो गयी। एक झटके में ही कांग्रेस से से अलग होकर किसानों के लिए जीने और मरने का संकल्प ले लिया।