DESK. जनसंख्या नियंत्रण को लेकर इन दिनों में देश में बहस छिड़ी है. खासकर भाजपा नेताओं की ओर से लगातार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाये जाने की मांग की जा रही है. हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़े, लेकिन जनसांख्यिकी असंतुलन की स्थिति भी न पैदा हो पाए. योगी ने कहा था कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि जनसंख्या वृद्धि की गति या किसी समुदाय का प्रतिशत अधिक हो और हम मूल निवासियों की आबादी को स्थिर करने के लिए जागरूकता या प्रवर्तन के माध्यम से कार्य कर रहे हों.
उन्होंने कहा कि इसका धार्मिक जनसांख्यिकी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और वहां अराजकता और अव्यवस्था शुरू हो जाती है. इसलिए जब हम जनसंख्या स्थिरीकरण के बारे में बात करते हैं तो यह सभी के लिए और जाति, धर्म, या क्षेत्र के ऊपर एक समान होना चाहिए. योगी के बयान से देश में नई बहस छिड़ गई. जहाँ केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने योगी का समर्थन करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ जी ने जो कहा कि उसे देश हित के लिए लोगों को समझने की जरूरत है. जनसंख्या नियंत्रण कानून को राजनीतिक चश्मे से देखने की जरूरत नहीं है बल्कि इसे देश, विकास और सामाजिक समरसता के चश्मे से देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि चीन ने 1979 में एक कड़ा कानून लाकर अगर अपनी आबादी नहीं रोकी होती तो वहां आज 60 करोड़ आबादी बढ़ गई होती.
हालांकि योगी और गिरिराज के बयान से अलग भाजपा के शीर्ष नेता मुख़्तार अब्बास नकवी ने अपनी भिन्न राय रखी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने साफ तौर पर कहा कि जनसंख्या विस्फोट को किसी धर्म से जोड़ना जायज नहीं ह.। अपने ट्वीट में मुख्तार अब्बास नकवी ने लिखा कि बेतहाशा जनसंख्या विस्फोट किसी मज़हब की नहीं, मुल्क की मुसीबत है. इसे जाति, धर्म से जोड़ना जायज़ नहीं.