N4N DESK : बीजेपी ने द्रौपदी मुर्मू को बनाया राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के बाद इसका एलान किया है की झारखण्ड की पहली महिला राज्यपाल और उड़ीसा की पूर्व राज्यमंत्री रह चुकी द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार होंगी।
बताते चलें की द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षक के रूप में काम किया है। वह पार्षद और फिर विधायक बनीं। सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तरह द्रौपदी मुर्मू लंबे समय से शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी हैं और लंबे समय तक विधायक और मंत्री रही हैं। उन्होंने ओडिशा सरकार के परिवहन और वाणिज्य विभागों को संभाला है। और 2007 में विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार जीता है। मुर्मू 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल भी रहीं।
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू है। वह संथाल परिवार, एक आदिवासी जातीय समूह से ताल्लुक रखती हैं। वह भारतीय जनता पार्टी की सदस्य हैं। 2006 से 2009 तक एसटी मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रहीं। 2004 से 2009 तक रायरंगपुर विधानसभा की सदस्य रहीं। ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल गठबंधन सरकार के दौरान वह 6 मार्च 2000 से 6 अगस्त 2002 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार और 6 अगस्त 2002 से 16 मई 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री थीं।
गौरतलब है की द्रौपदी मुर्मू झारखंड के राज्यपाल के रूप में हमेशा आदिवासियों, बालिकाओं के हितों को लेकर सजग और तत्पर रहीं। आदिवासियों के हितों से जुड़े मुद्दों पर कई बार उन्होंने संज्ञान लेते हुए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिए। झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बननेवाली द्रौपदी मुर्मू का छह साल एक माह अठारह दिनों का कार्यकाल विवादों से भी परे रहा। विश्वविद्यालयों की चांसलर के रूप में द्रौपदी मुर्मू ने अपने कार्यकाल के दौरान चांसलर पोर्टल पर सभी विश्वविद्यालयों के कॉलेजों के लिए एक साथ ऑनलाइन नामांकन शुरू कराया।