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जातिगत जनगणना पर बोली बीजेपी के मंत्री : सस्ती लोकप्रियता के लिए एजेंडा नहीं, बल्कि प्रोपगेंडा फैलाने का काम कर रहे हैं राजद सु्प्रीमो

जातिगत जनगणना पर बोली बीजेपी के मंत्री : सस्ती लोकप्रियता के लिए एजेंडा नहीं, बल्कि प्रोपगेंडा फैलाने का काम कर रहे हैं राजद सु्प्रीमो

जातिगत जनगणना को लेकर जिस तरह से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने केंद्र सरकार को खुली धमकी दी है कि अगर मांगे नहीं मानी गई तो सामान्य जनगणना का भी बहिष्कार किया जाएगा। पिछड़े वर्ग के लोग जनगणना का विरोध करेंगे। उसके बाद अब भाजपा के मंत्रियों ने भी लालू प्रसाद की चौतरफा घेराबंदी शुरू कर दी है। मामले में बिहार सरकार में गन्ना एवं विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने साफ कर दिया है कि इस पर बेवजह की राजनीति की जा रही है। जनगणना लोगों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति की जानकारी के के लिए किया जाता है, ताकि उसके आधार बीपीएल और एपीएल का निर्धारण किया जा सके। लेकिन इसे लोग अपने राजनीतिक इच्छा पूरी करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

बिहार सरकार के मंत्री ने कहा राजद सुप्रीमो एजेंडा पर बात करने की जगह बेवजह की प्रोपगेंडा सेट करने में लगा है। यह सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का तरीका है, जिसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने लालू प्रसाद के जनगणना बहिष्कार की बात पर तंज कसते हुए कहा कि वह कहते थे कि झारखंड का गठन हुआ तो खून की नदियां बह जाएंगी। लेकिन झारखंड का गठना भी हुआ और वह खुद वहां के जेल में अपनी सजा भुगतने के लिए पहुंचे। लालू प्रसाद की राजनीति अब सिर्फ बेवजह के मुद्दों पर की जा रही है। 

आखिर क्यों एक बार के बाद दोबारा नहीं हुई जातिगत जनगणना

मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि 1931 के बाद कभी दोबारा जातिगत जनगणना नहीं हुई। आखिर क्यों ऐसा हुआ। क्यों किसी सरकार ने इस पहले विचार नहीं किया। जाहिर है कि पहली बार में यह बात समझ में आ गई थी कि इस तरह की जनगणना देश की सामाजिक तानेबाने को बनाने में मुश्किलें उत्पन्न कर रही थी। यही कारण है कि किसी सरकार ने इस प्रकार जनगणना कराने की जरुरत नहीं समझी। इस दौरान उन्होंने कहा कि वैसे भी यह राष्ट्रीय मुद्दा है, जिस पर हमारे मुख्यमंत्री सीधे प्रधानमंत्री से बात कर रहे हैं।



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