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भाजपा विधायक ने एजीएम के साथ की मारपीट, एसपी से मिलकर की शिकायत

भाजपा विधायक ने एजीएम के साथ की मारपीट, एसपी से मिलकर की शिकायत

BOKARO : मंगलवार को भाजपा विधायक बिरंचि नारायण और बोकारो इस्पात संयंत्र के नगर सेवा विभाग के सहायक महाप्रबंधक अजीत कुमार के बीच मारमीट हो गयी. मारपीट के दौरान खुद को बचाने के लिए सहायक महाप्रबंधक जब भागने लगे. तब भी विधायक ने उन्हें नहीं छोड़ा. भाजपा कार्यकर्ताओं और विधायक ने उनकी दौड़ा-दौड़ाकर पिटाई की. इस घटना के बाद बोकारो इस्पात संयंत्र के अधिकारी दहशत में हैं. विधायक और सहायक महाप्रबंधक के बीच विवाद का कारण झारखंड सरकार की निधि से सेक्टर-  वन में तालाब के जीर्णोद्धार को लेकर हुआ है. 

बोकारो इस्पात प्रबंधन का कहना है कि तालाब के जीर्णोद्धार के लिए प्रबंधन से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं लिया गया है. इसकी वजह से यह निर्माण कार्य पूरी तरह अवैद्य है. इसी कार्य को रोकने के लिए अधिकारी अजित कुमार पहुँचे थे. इसी दौरान मौके पर मौजूद ठेकेदार ने अधिकारी को यह कह रोका की विधायक जी आ रहे है. इसी दौरान विधायक बिरंचि नारायण बाइक से कार्य स्थल पहुँचे और अधिकारी की पिटाई करने लगे. इसके बाद अधिकारी अजित कुमार भागने लगे तो उनको दौड़ा दौड़ा कर विधायक और उनके समर्थक पीटने लगे. इसके बाद उनके साथ आये होमगार्ड के जवानों को भी समर्थकों ने दौड़ा दिया. इन मारपीट के बाद चोटिल अधिकारी को बोकारो जेनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहाँ उनका इलाज चल रहा है. इस घटना के बाद बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ए के सिंह ने घटना की निंदा करते हुए विधायक पर कानूनी कार्रवाई की बात कही है.

जबकि विधायक का कहना है कि तालाब का जीर्णोद्धार जन सुविधा के लिए किया जा रहा है. इसी बात को लेकर विवाद बढ़ा था. जिसमें  समर्थकों ने उनकी पिटाई की है. हमने उनको बचाने का काम किया है. घटना के बाद भाजपा विधायक ने एसपी से मिलकर एजीएम की शिकायत भी की है.  

ठेकेदार के पक्ष में

बोकारो विधायक बिरंचि नारायण के द्वारा बोकारो स्टील के एजीएम अजित कुमार के पिटाई का कांग्रेस पार्टी ने कड़ी निंदा की है. जिला परिषद सदस्य सह प्रदेश कांग्रेस के विस्थापन एवं पुनर्वास विभाग के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि इस घटना ने यह साबित कर दिया है बोकारो के विधायक का ठेकेदारों से किस तरह का मधुर संबंध है. आज तक बोकारो विधायक विस्थापितों, झुग्गी झोपड़ी वालों और ग्रामीणों की समस्या को लेकर इस तरह से सक्रिय हो कर उनके समर्थन में नही उतरे, जिस तरह ठेके को लेकर ठेकेदार के समर्थन में उतरकर अधिकारी की पिटाई को उतारू हो गए. संजय कुमार ने कहा कि इस निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. जिस तरह से बिना निविदा के इस कार्य का शिलान्यास विधायक की ओर से किया गया था. उसी दिन से इसमें ठेकेदारी की बू आ रही थी. 

उन्होंने कहा कि आखिर किस परिस्थिति में और किसके बुलावे पर विधायक वहाँ पहुँचे. जबकि काम जिस विभाग से कराया जा रहा है उस विभाग और जिला प्रशासन की जिम्मेवारी कार्य मे आ रही बाधा को दूर करने का है. कुमार ने कहा कि अधिकारी की पिटाई के बाद विधायक एसपी के पास अपना बचाव के लिए गए थे. उस समय उनके साथ साथ ठेकेदार और पुलिस विभाग का कौन व्यक्ति था. इसकी भी जांच होनी चाहिए. पुलिस विभाग एसपी कार्यालय में लगे सीसीटीवी से इसकी जांच करे.

बोकारो से मृत्युंजय की रिपोर्ट 

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