PATNA : जलवायु परिवर्तन को लेकर उत्पन्न स्थिति पर विमर्श को लेकर आयोजित सर्वदलीय बैठक में बीजेपी के विधान पार्षद सच्चिदानंद राय ने भी अपनी बात रखी। सच्चिदानंद राय ने कहा कि जलवायु परिवर्तन शॉर्ट टर्म के लिए ही नहीं बल्कि लॉग टर्म के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। उन्होंने कहा कि इस सदन का विशेष दायित्व बनता है कि चर्चा के माध्यम से ऐसे निर्णय लिए जाएं जिससे तत्काल राहत मिले ही दूरगामी परिणाम के लिए भी मार्ग प्रशस्त हो।
सच्चिदानंद राय ने कहा कि हमारे संविधान में जल और पर्यावरण से संबंधित कानून बनाने का अधिकार मुख्य रुप से राज्यों की जिम्मेवारी में है। यह सदन इससे संबंधित मजबूत कानून बनाने के लिए सक्षम है। सच्चिदानंद राय ने मांग की जल संरक्षण को लेकर कानून बनाए।
इस अवसर पर बोलते हुए सच्चिदानंद राय ने विभिन्न राज्यों के द्वारा जल प्रबंधन, जल संरक्षण और वर्षा जल संग्रहण के लिए बनाए गए कानूनों का जिक्र करते हुए बिहार के लिए भी ऐसा ही कानून बनाने की मांग की।
सच्चिदानंद राय ने कहा कि जल समस्या से निपटने के लिए कई पहलू पर ध्यान देना आवश्यक है जिसमे प्रमुख है हर बूंद पानी का संरक्षण करना। पानी की उपलब्धता के आधार पर योजना तैयार करना और उपरोक्त दो पहलुओं के कार्यान्वयन में चूक और जल के दुरुपयोग अथवा बर्बादी के रोकथाम के लिए पर्याप्त निवारक तैयार करना।
सच्चिदानंद राय ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 425 में जानबूझकर नुकसान पुंचे का अपराध परिभाषित किया गया है और उसके निवारक के रुप में प्रीवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट 1984 की रचना की गई है।
उन्होंने कहा कि सदन यदि सहमत हो तो पानी को भी धारा 425 एवं उक्त अधिनियम के तहत पब्लिक प्रोपर्टी में सम्मिलित कर दें तो हमें चूक, दुरुपयोग तथा बर्बादी के निवारण का प्रावधान प्राप्त हो सकता है।