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BJP सांसद ने CM नीतीश से पूछा- कृषि रोड मैप के पैसे कहां गए ? वैसे 5 सालों तक BJP वाले ही रहे हैं कृषि मंत्री, ..तो विवेक ठाकुर ने दल के तत्कालीन 'मंत्रियों' पर भी उठा दिए सवाल ?

BJP सांसद ने CM नीतीश से पूछा- कृषि रोड मैप के पैसे कहां गए ? वैसे 5 सालों तक BJP वाले ही रहे हैं कृषि मंत्री, ..तो विवेक ठाकुर ने दल के तत्कालीन 'मंत्रियों' पर भी उठा दिए सवाल ?

PATNA: देश के गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को बिहार दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वे तीन कार्यक्रम में शामिल होंगे. पहला कार्यक्रम चंपारण में होगा. वहीं दूसरा व तीसरा कार्यक्रम पटना में है. बापू सभागार में अमित शाह किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती सह किसान मजदूर समागाम में शिरकत करेंगे, जहां किसान और किसानी पर चर्चा होगी. इस कार्यक्रम को लेकर आज प्रदेश भाजपा कार्यालय में रास सांसद विवेक ठाकुर ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि कल का कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण है. किसान नेता की जयंती कार्यक्रम में किसान और किसानी पर चर्चा होगी. इस दौरान भाजपा सांसद ने बिहार के कृषि रोड मैप को पूरी तरह से बकवास बताया और कहा कि सिर्फ पैसे की बर्बादी हुई है.हालांकि दूसरे और तीसरे कृषि रोड मैप पर सवाल खड़ा कर भाजपा सांसद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ अपने दल के कृषि मंत्रियों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया. कृषि रोड मैप को दिशाहीन बताकर भाजपा खाते के दो वरिष्ठ मंत्री डॉ. प्रेम कुमार और अमरेन्द्र प्रताप सिंह की कार्य कुशलता पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया. नीतीश राज में कृषि विभाग पांच साल तक भाजपा कोटे में रहा है.  

शनिवार को बापू सभागार में किसान समागम 

बीजेपी प्रदेश कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा के रास सांसद विवेक ठाकुर ने किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसमें गृह सह सहकारिता मंत्री अमित शाह आ रहे हैं. इस तरह का यह पहला कार्यक्रम होगा, जिसमें किसानों का प्रतीक, किसानों का आभूषण 'हल' प्रतीक स्वरूप भेंट किया जाएगा. हल को सब लोग उठाएंगे. वहीं से किसान और किसानी के परिवर्तन का संकल्प लिया जाएगा.इसके बाद किसानों से संवाद होगा. उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन करना होगा. किसानों की हालत में अमूल चूक परिवर्तन करना होगा . बिहार की 70% आबादी किसानी से जुड़ी है. 25 फ़ीसदी बिहार का जीडीपी किसानी से आता है . 

कहां गया दूसरा और तीसरा कृषि रोड मैप ? 

विवेक ठाकुर ने कहा कि आज फिर से एक कृषि रोडमैप की बात हो रही है, बिना समीक्षा के. जबकि डेढ़-डेढ़ लाख करोड़ रुपया उसमें जा रहा है. यह कहीं ना कहीं बड़ा प्रश्नवाचक चिन्ह खड़ा कर रहा है. इस पर निर्णायक चर्चा होगी. बिहार में चौथा कृषि रोड मैप आ रहा है. औसत डेढ़ लाख करोड़ का रोड मैप कृषि का रोडमैप हो गया . बिहार अब नुकसान वाला स्टेट हो चुका है. कृषि दर गिर रहा है, इसका आकलन आप कर नहीं रहे हैं और डेढ़-डेढ़ लाख करोड़ का आप रोडमैप बनाते हैं. पूर्व के तीन कृषि रोड मैप की समीक्षा हो नहीं रहा है. ऐसे में क्या प्रश्नवाचक चिन्ह नहीं लगता है ? किसानों का भविष्य कहां है... क्या दिख नहीं रहा है, आखिर डेढ़-डेढ़ लाख करोड़ रुपए जा कहां रहा है? बिहार में किसान दुखद हाल में हैं. बिहार का कृषि दिशाहीन है, किसान परेशान चल रहे हैं. इन तमाम विषयों को लेकर खुली चर्चा होगी. बिहार के मुखिया को किसानों के सवालों का जवाब देना होगा .कहां गया दूसरा और तीसरा कृषि रोड मैप ? 

पांच सालों तक भाजपा के खाते में रहा कृषि विभाग 

बता दें, बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बनने के बाद सबसे पहले नरेंद्र सिंह कृषि मंत्री बने थे. इसके बाद रेणु कुशवाहा मंत्री बनीं. फिर विजय कुमार चौधरी मंत्री बने थे. ये सभी जेडीयू कोटे से थे. 2016 में जब एक बार फिर से जेडीयू-बीजेपी गठबंधन की सरकार बनी तो भाजपा कोटे से डॉ. प्रेम कुमार कृषि मंत्री बने. 2020 विस चुनाव के बाद भाजपा के अमरेन्द्र प्रताप सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया. 2022 में जब महागठबंधन की सरकार बनी तो राजद कोटे से पहले सुधाकर सिंह कृषि मंत्री बने, इस्तीफा देने के बाद वर्तमान में कुमार सर्वजीत कृषि विभाग का जिम्मा संभाल रहे हैं. आपको बता दें, कृषि रोड मैप में दर्जन भर विभागों को शामिल किया गया है. लेकिन कृषि रोड मैप का नोडल विभाग कृषि विभाग ही है. लिहाजा इस विभाग की जिम्मेदारी सबसे अधिक है. 

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