बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग करते हुए राज्यसभा में भाजपा के एक सदस्य ने बुधवार को कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय को तबाह करने वाले दमनकारी के नाम पर इस रेलवे स्टेशन का नाम होना, एक तरह से दमनकारी का महिमामंडन करने जैसा है।
भाजपा के गोपाल नारायण सिंह ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि बखितयार खिलजी ने बिहार में स्थित विश्वविख्यात नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया था और 2,000 से अधिक बौद्ध भिक्षुओं को मार डाला था।
उन्होंने कहा कि उसी खिलजी के नाम पर बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन का नाम रखा गया है।उन्होंने कहा कि खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय को इस हद तक तबाह किया था कि वहां लगी आग दो से तीन साल तक बुझ नहीं पाई थी, वहां की किताबें सुलगती रही थीं। वहां पर छह किमी तक के हिस्से की खुदाई में जली हुई किताबें अब तक मिल रही हैं।उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय को तबाह करने वाले दमनकारी के नाम पर इस रेलवे स्टेशन का नाम होना, एक तरह से दमनकारी का महिमामंडन करने जैसा है।
गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि बखियारपुर रेलवे स्टेशन का नाम बदल लेना चाहिए।