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दक्षिण भारत में झंडा लहराने के लिए हैदराबाद में शुरू हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक, जानिए क्या है प्लान

दक्षिण भारत में झंडा लहराने के लिए हैदराबाद में शुरू हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक, जानिए क्या है प्लान

DESK. केंद्र सहित देश के सर्वाधिक राज्यों में सत्तासीन भाजपा अब दक्षिण भारत में अपना सांगठनिक विस्तार करने के लिए शनिवार से हैदराबाद में रणनीति बनाने में जुट गई है. भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक का शुभारंभ शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने किया.  

यह बैठक ऐसे समय में शुरु हो रही है, जब एक दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय ने पार्टी की निंलबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर कड़ी आलोचना की. यह बैठक रक्षा सेवाओं में भर्ती की नयी ‘‘अग्निपथ योजना’’ के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में भी हो रही है. भाजपा की यह दो दिवसीय बैठक पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा के संबोधन से शुरू होगी और इसमें एक राजनीतिक प्रस्ताव सहित दो प्रस्ताव पारित किए जाएंगे.

दरअसल हैदराबाद में राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक होने के पीछे सबसे बड़ा कारण भाजपा का दक्षिण के राज्यों में अपना विस्तार करने की रणनीति बनाना भी है. मौजूदा समय में भाजपा सिर्फ कर्नाटक में मजबूत है. वहीं, केरल, तमिलनाडु में पार्टी अभी भी कोई करिश्मा करने में असफल है जबकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भाजपा का संगठन आगे बढ़ रहा है. हैदराबाद निकाय चुनाव में भाजपा ने जोरदार सफलता पाई थी. ऐसे में आगामी तेलंगाना विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा की यह बैठक राज्य के लोगों को बड़ा संदेश देने की रणनीति भी मानी जा रही है. वहीं अगले साल कर्नाटक में भी विधानसभा चुनाव है. राज्य में दोबारा सत्ता में आने की जुगत के लिए भी इस बैठक में मंथन होने की संभावना है. साथ ही इस साल के गुजरात विधानसभा चुनाव पर भी इस बैठक में चर्चा होगी. 

वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद भाजपा की राष्ट्रीय समिति की तीसरी बैठक है जो दक्षिण के किसी राज्य में आयोजित हुई है. इससे पहले, भाजपा ने बेंगलुरू और केरल के कोझिकोड़ में राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आयोजित की थी. चुकी पार्टी के तमाम प्रयासों के बाद भी दक्षिण के राज्य में अब तक भाजपा का प्रदर्शन औसत ही रहा है इसलिए पार्टी पूरा जोर इन्हीं राज्यों पर लगाए है. 


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