PATNA : बिहार में प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बिना नाम लिए एक बार फिर से नीतीश कुमार पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री की पलटीमार छवि पर निशाना साधते हुए कहा कि लगभग पांच दशक पहले की बात बताई है, उन्होंने कहा कि उस समय से ही एक समाजवादी नेता की यह आदत रही है कि जिनके साथ रहकर वह आगे बढ़ते हैं, उन्हें ही काटना शुरू कर देते हैं। यह बात उस समय से ही चली आ रही है।
NDA गठबंधन सरकार रहते हुए इस वर्ष 19 जून को मैंने कुछ समाजवादी नेताओं के बारे में यह टिप्पणी की थी। उस समय काफी लोगों को आश्चर्य हुआ था कि इस टिप्पणी का अर्थ क्या है।
— Dr. Sanjay Jaiswal (@sanjayjaiswalMP) October 21, 2022
8 अगस्त को मेरी इस टिप्पणी का अर्थ सभी को समझ में आ गया। 19 जून को भी यह सत्य था और 19 अक्टूबर को भी यही सत्य है। pic.twitter.com/SvxsINsqzI
पूरी राजनीतिक करियर पर उठाए सवाल
दरअसल, ट्विटर पर उक्त पोस्ट भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीते 19 जून किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि ‘1967 से बिहार की राजनीति में सदैव कुछ ऐसे महानुभव रहे हैं जो जिनके पास सटकर आगे बढ़ते हैं, उनको अगले दिन से ही काटना शुरू कर देते हैं, जो इनको भगाता है, उनको अगली दिन से ही दूध पिलाना शुर कर देते हैं।‘ उस समय नीतीश कुमार भाजपा के साथ सरकार चला रहे थे। जिसके कारण किसी को संजय जायसवाल के पोस्ट पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। लेकिन इस पोस्ट के लगभग एक माह बाद ही बिहार में सरकार बदल गई और नीतीश कुमार ने राजद के साथ सरकार बना लिया। मतलब यह कि संजय जायसवाल को यह अंदेशा हो गया था कि नीतीश कुमार फिर से धोखा दे सकते हैं।
दोबारा किया ट्विट
अपने तीन माह पुराना ट्विट को री-पोस्ट करते हुए डा. संजय जायसवाल ने लिखा कि NDA गठबंधन सरकार रहते हुए इस वर्ष 19 जून को मैंने कुछ समाजवादी नेताओं के बारे में यह टिप्पणी की थी। उस समय काफी लोगों को आश्चर्य हुआ था कि इस टिप्पणी का अर्थ क्या है। 8 अगस्त को मेरी इस टिप्पणी का अर्थ सभी को समझ में आ गया। 19 जून को भी यह सत्य था और 19 अक्टूबर को भी यही सत्य है।
भाजपा लगाती रही है यह आरोप
नीतीश कुमार पर भाजपा यह आरोप लगाती रही है कि आज जिस मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए वह इतना जोर लगाते है, वह भाजपा की मेहरबानी से मिली है। केंद्र में भाजपा की वाजपेयी सरकार ने ही उन्हें मंत्री बनने का मौका दिया। मौजूदा विधानसभा में भी कम सीटें होने के बाद भी पार्टी ने नीतीश कुमार को ही अपना मुख्यमंत्री चुना। लेकिन नीतीश कुमार की धोखा देने की दशकों पुरानी आदत आज भी कायम है।