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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने नीतीश सरकार की बखिया उघेड़ कर रख दी, सबसे दुलरुआ मंत्री के विभाग की खोल दी पोल पट्टी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने नीतीश सरकार की बखिया उघेड़ कर रख दी, सबसे दुलरुआ मंत्री के विभाग की खोल दी पोल पट्टी

BETIA : बिहार में अग्निपथ योजना को लेकर भाजपा और जदयू की तकरार कम होती नजर नहीं आ रही है। चार दिन पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने ट्रेनों को जलाने और भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ को लेकर नीतीश सरकार की पुलिस और प्रशासन को फेल्योर बताया था। अब एक बार फिर डा. संजय जायसवाल ने जदयू पर बड़ा हमला किया है। 

डॉ. संजय जायसवाल ने अग्निपथ योजना को लेकर जदयू द्वारा सवाल उठाए जाने को लेकर कहा मुझे हंसी आती है कि वह लोग अग्निपथ योजना को लेकर पुनर्विचार करने की मांग करते हैं।  जबकि खुद बिहार में ग्रेजुएशन कोर्स तीन साल में पूरा नहीं हो पाता है। यह तब है  जब  बिहार में शिक्षा विभाग सालों से जदयू के पास है। लेकिन वह इसे बेहतर करने की कोशिश नहीं करते हैं। 

आज 2019 के ग्रेजुएशन के छात्र सेकेंड इयर की परीक्षा दे रहे हैं। जबकि अग्निवीर में 22 साल में इंटर पास को ग्रेजुएशन, मैट्रिक पास को इंटर पास का कोर्स कराएगी। इसमें युवाओं को सिर्फ दो सब्जेक्ट की परीक्षा देनी होगी और दो  सब्जेक्ट की पढ़ाई अग्निवीर के नाम पर दी जाएगी। बिहार सरकार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर जदयू को निशाने पर लेते हुए संजय जायसवाल ने कहा कि यहां 22 साल में ग्रेजुएशन भी पूरा नहीं होता है, जबकि अग्निवीर में ग्रेजुएशन के साथ आपके पास 28 लाख रुपए भी होंगे।

बिहार सरकार ने नहीं दी कोई व्यवस्था

डॉ. संजय जायसवाल ने इस दौरान अग्निवीर सैनिकों के लिए बिहार सरकार की तरफ से किसी प्रकार की घोषणा नहीं किए जाने को लेकर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा अग्निवीरों के लिए केंद्र सरकार ने अपने आर्म्ड फोर्स में 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की है। वहीं कई राज्यों ने अपने यहां उन्हें विभिन्न नौकरियों में प्राथमिकता देने की घोषणा की है।

12 सौ लोगों को मिलता है बॉर्डर पर जाने का मौका

बेतिया में आयोजित भाजपा के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्थानीय सांसद ने कहा कि जो लोग यह समझते हैं कि सेना में जानेवाला हर जवान बॉर्डर पर जाता है, तो वह गलत हैं। 10 हजार में सिर्फ 12 सौ लोगों को यह मौका मिलता है। बाकि सब को यह मौका नहीं मिलता है। वह बेस में रसोइया, माली या दूसरे काम करते हैं। अग्निपथ में यही बदलाव किया जा रहा है। अब यह काम सैनिक नहीं करेंगे। इसकी जगह युवाओं को टेक्निकल जानकारी दी जाएगी, ताकि वह आज के जरुरत के हिसाब से आगे बढ़ें।


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