बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

आंध्र प्रदेश में केमिकल फैक्ट्री में ब्लास्ट : चार लोगों की मौत से गांंव में पसरा मातम, नीतीश सरकार मृतकों के परिजनों को देगी दो-दो लाख रुपये

आंध्र प्रदेश में केमिकल फैक्ट्री में ब्लास्ट : चार लोगों की मौत से गांंव में पसरा मातम, नीतीश सरकार मृतकों के परिजनों को देगी दो-दो लाख रुपये

नालंदा. आंध्र प्रदेश के एलुरु जिले में अक्की रेड्डीगुडेम स्थित केमिकल फैक्ट्री में ब्लास्ट में मरने वालों में 4 मजदूर बिहार के नालंदा के रहने वाले हैं। अहले सुबह परिजनों को इसकी सूचना मिली तो गांव में चीख पुकार मच गयी। मृतकों में दो मजदूर नालंदा के कारू रविदास और सुभाष रविदास चण्डी प्रखण्ड के हबीबुल्लाह चक गांव का रहने हैं, जबकि मनोज कुमार हरनौत प्रखंड के रामसंग डिहरा और अबधेश रविदास वासनीमा गांव के हैं। वहीं मुनारक पासवान और रवि रविदास गंभीर रूप से जख्मी है।

मृतकों को 2-2 लाख रुपये

वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतक के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। सीएमओ से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश ने स्थानिक आयुक्त, नई दिल्ली को निर्देश दिया है कि आंध्र प्रदेश सरकार से समन्वय स्थापित कर घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करें तथा मृतकों के पार्थिव शरीर को बिहार लाने की समुचित व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। 

घटना की सूचना मिलते ही चंडी के अंचलाधिकारी कुमारी आंचल और हरनौत के अंचलाधिकारी नीरज कुमार सिंह गांव पहुंचकर मृतकों के परिवार से मिलकर उन्हें सरकार की तरफ से मिलने वाली हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया है। वहीं चंडी प्रखंड पूर्वी जिला परिषद सदस्य निरंजन कुमार ने  मृतक के परिवार के लिए सरकार से हर संभव सहायता प्रदान करने की मांग की है।

लॉकडाउन की मार झेलने के बाद करीब पांच माह पूर्व रोजी रोटी के लिए सभी आंध्र प्रदेश गए थे। वहां अक्की रेड्डीगुडेम स्थित केमिकल फैक्ट्री में सभी काम कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। मजदूर मनोज की एक पुत्री है, जबकि अबधेश का एक पुत्र और दो छोटी छोटी बेटी हैं। हादसे के बाद परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा। पत्नी और बच्चों की चीत्कार से पूरे गांव का माहौल गमगीन है। आसपास के घरों में चूल्हे नहीं जले। ग्रामीण बच्चों और परिवार के सदस्य को ढाढ़स बधा रहे हैं।

ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में रोजगार मिलने के कारण पलायन नहीं होने की बात लगातार करते हैं, लेकिन इस घटना के बाद पता चलता है कि मजदूर दो जून की रोजी रोटी के लिए किस तरह दूसरे प्रदेश में जाने को विवश हो रहे हैं। वो भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले और उनके प्रखंड के लोग। वहीं नालंदा के जिलाधिकारी शंशांक शुभंकर ने कहा कि मरने वालों के पार्थिव शरीर को लाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पहल किया जा रहा है। जल्द ही बॉडी गांव लाया जाएगा। परिवार को हर संभव सहायता के लिए संबधित अधिकारी को भेजा गया है।

Suggested News