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भाकपा माओवादी में वर्चस्व को लेकर खूनी संघर्ष की आशंका, कई गुटों में बंटा संगठन

भाकपा माओवादी  में वर्चस्व को लेकर खूनी संघर्ष की आशंका, कई गुटों में बंटा संगठन

PATNA : नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में वर्चस्व को लेकर खूनी खेल होने की आशंका जतायी जा रही है। बताया जा रहा है कि नक्सली नेता अरविंद जी की मौत के बाद भाकपा माओवादी कई गुटों में बंट गया है और संगठन पर वर्चस्व को लेकर सभी अपने-अपने दावे कर रहे हैं। कई बार इस मुद्दे को लेकर मीटिंग भी हो चुकी है लेकिन नतीजा सिफर ही निकला है। बिहार का शीर्ष नक्सली नेता संदीप यादव अपने कारनामों से संगठन में अपनी ताकत का अहसास करा चुका है, उसके बावजूद उसे संगठन का ताज नसीब नहीं हुआ। फिलहाल संगठन की कमान ओगू बूगियारी उर्फ सुधाकर जी ने संभाल रखा है लेकिन उनके नाम को लेकर संगठन में विद्रोह की स्थिति है। हालांकि उनके नाम का खुलकर किसी नक्सली नेता ने विरोध नहीं किया है लेकिन अंदर-ही-अंदर जोर-आजमाइश चल रही है। 


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पुलिस को शीर्ष नक्सली नेताओं की बैठक की भनक लगी 

बता दें कि सितंबर, 2017 में नक्सली नेताओं की लातेहार स्थित बूढ़ा पहाड़ी पर रिजनल एरिया कमिटी की मीटिंग रखी गयी थी। इस मीटिंग में देश के शीर्ष नक्सली नेताओं के साथ ही बिहार के नक्सली नेता संदीप यादव, प्रद्युमन यादव, और अरविंद जी सहित कई नेता शामिल हुए थे। नक्सलियों की इस मीटिंग की भनक पुलिस को लग गयी और पुलिस के जवानों ने बूढ़ा पहाड़ी को चारों ओर से घेर कर कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू कर दिया। बताया जाता है कि इसी वक्त अरविंद जी की तबियत खराब हो गयी थी और कॉम्बिंग ऑपरेशन की वजह से वो इलाज के लिए बाहर नहीं जा सके। बाद में उनकी मौत हो गयी। अरविंद जी की मौत से संगठन पूरी तरह टूट-सा गया। संगठन पर कब्जा करने के लिए कई गुट हावी हो गये। सभी अपने-अपने तरीके से संगठन के शीर्ष पद के लिए जोड़-आजमाइश करने लगे। फिलहाल संगठन को एकजुट रखने के लिए नक्सलियों ने ओगू बूगियारी उर्फ सुधाकर जी को अपना नेता चुन लिया है और उनके नेतृत्व में ही भाकपा माओवादी के नक्सली वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। 


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नेता नहीं चुने जाने पर बौखलाया संदीप जी

इधर, सूचना के मुताबिक संदीप जी नेता नहीं चुने जाने पर बौखलाया हुआ है और कभी भी किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकता है। अपने दस्ते के साथ वो बिहार के नवादा स्थित कौआकोल इलाके के जंगली क्षेत्रों में अपना ठिकाना बना रखा है। उसके दस्ते में 250 के करीब नक्सिलयों के होने की खबर है। वहीं दूसरी ओर बिहार के ही दूसरे बड़े नक्सली नेता प्रद्युमन शर्मा के बारे में कहा जाता है कि उसने जीटी रोड के पूर्वी क्षेत्र के जंगली इलाके में पनाह ले रखा है। उसके दस्ते में भी तकरीबन 200 नक्सली हैं। भोक्ता भुइंया यानी आदिवासियों की आड़ में दोनों नक्सली नेताओं ने जमकर लूटमार मचायी और देखते-ही-देखते अकूत संपत्ति के मालिक बन बैठे। अब  संगठन पर वर्चस्व कायम करने को लेकर दोनों में ठन गयी है, इसीलिए कहा जा रहा है कि दोनों में कभी भी खूनी संघर्ष हो सकता है। इधर, पुलिस के आलाधिकारियों का कहना है कि भाकपा माओवादी में चल रही गुटबाजी व हलचलों पर पूरी नजर रखी जा रही है। कई नक्सली नेता हमारे रडार पर हैं।      

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