पटनाः मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में मतदान के दिन बूथ कैप्चरिंग मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है।सरकार ने जबरन कब्जा कर वोटिंग कराने के मामले में बूथ संख्या 339-340 पर तैनात जोनल मजिस्ट्रेट प्रताप कुमार की सेवा खत्म कर दी है।योजना एवं विकास विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।
लखीसराय डीएम की अनुशंसा पर हुई कार्रवाई
लखीसराय डीएम की अनुशंसा पर योजना एवं विकास विभाग ने यह आदेश जारी किया है। लखीसराय डीएम ने विभाग को जो रिपोर्ट भेजी है उसमें यह उल्लेखित है कि उक्त बूथ पर एक खास प्रत्याशी के प्रभाव में आकर जुनियर इंजीनियर ने काम किया। जेई ने निष्पक्ष तरीके से काम नहीं किया और मतदान केंद्र को कब्जा से रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए ।डीएम ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि उक्त अधिकारी ने अपने वरीय अधिकारियों को भी सूचित नहीं किया ।जिससे निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सका। इसके बाद बूथ की सुरक्षा की जिम्मेवारी संभाल रहे योजना एवं विकास विभाग को जुनियर इंजीनियर जो बतौर जोनल मजिस्ट्रेट उस बूथ पर तैनात थे उन पर गाज गिरी है।
क्या था मामला
दरअसल 3 मई को मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में मतदान था।उस दिन लखीसराय जिले के मतदान केंद्र संख्या 339 और 340 पर बूथ कैप्चरिंग का खुलासा हुआ था।जबरन बूथ कब्जा कर वोटिंग करने का एक विडीयो भी वायरल हुआ था। बूथ कब्जा करने की खबर के बाद जब एक निजी चैनल के पत्रकार खबर कवर करने गए तो ग्रामीणों ने पत्रकार के साथ मार-पीट भी की थी।इसके बाद मामले ने तुल पकड़ा ।सूचना के बाद चुनाव आयोग हरकत में आया और लखीसराय डीएम-एसपी को घटनास्थल पर भेज जांच करने को कहा।चुनाव आयोग के निर्देश पर उन दो बूथों पर तैनात सभी 20 पोलिंग पार्टी को निलंबित भी कर दिया गया था।साथ हीं 10 ग्रामीणों पर केस दर्ज किया गया।