पटना. बिहार में बीपीएससी परीक्षाओं से बहाल हुए शिक्षकों पर शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. इसमें शिक्षा विभाग ने एक साथ कई शिक्षकों को नौकरी से हटाने का नोटिस जारी कर दिया है. इसे लेकर 20 मई एक पत्र जारी किया गया जिसमें औरंगाबाद डीपीओ स्थापना की ओर से 10 शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से समय समय पर निकलने वाले आदेशों और निर्देशों से सुर्खियाँ बटोर रहे शिक्षा विभाग का यह आदेश अब कई शिक्षकों को बड़ा झटका देने वाला है.
नौकरी पर तलवार चलने वाली इस नोटिस में जिन दस शिक्षकों पर एक्शन लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है वे सभी बिहार के मूल निवासी नहीं है. सभी दस शिक्षक मौजूदा समय में औरंगाबाद में कार्यरत हैं. इन पर कार्रवाई की यह प्रक्रिया हाईकोर्ट के आदेश के तहत किया गया है. इसमें कहा गया है कि 'आप सभी की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के विज्ञापन संख्या 27/2023 के आलोक में हुई है लेकिन आपके द्वारा उपस्थापित शैक्षणिक-प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आपकी योग्यता विद्यालय अध्यापक हेतु समुचित नहीं है.'
शिक्षकों में गणित विज्ञान के दो, सामाजिक विज्ञान के तीन, अंग्रेजी के दो, हिंदी और अंग्रेजी के एक-एक शिक्षक शामिल हैं. इन सारे शिक्षकों के नंबर 90 से कम हैं.अधोहस्ताक्षरी कार्यालय ज्ञापांक 866 दिनांक 16.02.2024 के द्वारा आप सभी के शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्राप्तांक 60 प्रतिशत से कम रहने पर नियुक्ति हेतु पात्र नहीं होने के कारण स्पष्टीकरण की मांग की गयी थी। ज्ञात हो कि किसी भी प्रकार के आरक्षण का लाभ सिर्फ बिहार राज्य के निवासियों को ही देय है. नोटिस में यह भी लिखा गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश एवं विज्ञप्ति के आलोक में उच्च न्यायालय पटना द्वारा निर्गत न्याय निर्णय के उपरांत निदेशक माध्यमिक शिक्षा, बिहार, पटना ने पत्रांक 1341 दिनांक 15.05.2024 के द्वारा स्पष्ट किया है कि बिहार राज्य के बाहर के अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णांक हेतु 05 प्रतिशत का छूट देय नहीं होगा.
अब इसी को लेकर कार्यालय जिला शिक्षा पदाधिकारी औरंगाबाद ने नोटिस जारी करते हुए सभी दस शिक्षकों पर अग्रेतर कार्रवाई किये जाने की जानकारी दी है.