मोतिहारी. बिहार में पुलों के गिरने का सिलसिला थम नहीं रहा है. रविवार को एक बार फिर से एक निर्माणाधीन पुल गिर गया है. इस तरह पिछले एक सप्ताह में बिहार में तीसरी बार पुल गिरने का हादसा हुआ है. इस बार मोतिहारी में पुल ध्वस्त हुआ है. मोतिहारी के घोड़ासहन प्रखंड में निर्माणाधीन पुल ध्वस्त हुआ है. करीब डेढ़ करोड़ की लागत से पुल बन रहा था. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से इस पुल का निर्माण हो रहा था . आरसीसी पुल का निर्माण धीरेंद्र कंस्ट्रक्शन प्रा. लिमिटेड श्रीकृष्णनगर द्वारा कराया जा रहा था.
बताया जा रहा है कि पुल की ढ़लाई के साथ ही ध्वस्त एक बड़ा हिस्सा भरभराकर गिर गया. इससे पुल निर्माण की गुणवत्ता पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. जिले के घोड़ासहन प्रखंड के अमवा से चैनपुर स्टेशन जाने वाली सड़क में यह पुल बन रहा था. इसके पहले इसी सप्ताह अररिया और सीवान में दो अलग अलग पुल गिर चुके हैं. अब एक सप्ताह में मोतिहारी हादसे के बाद राज्य में तीन पुल गिरे हैं.
इसके पहले शनिवार को सिवान जिला के महराजगंज अनुमंडल के पटेढ़ा और गरौली गाँव के बीच का पुल अचानक टूट गया। जिससे दोनों गाँवों का आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। इस पुल के टूटने से इलाके के लोग काफी परेशान हो गए हैं, क्योंकि यह पुल दोनों गाँवों के बीच का मुख्य संपर्क साधन था। ग्रामीणों ने बताया कि गंडक विभाग द्वारा नहर की सफाई कराई गई थी, और नहर की मिट्टी काटकर नहर के बांध पर फेंकी गई थी। इस प्रक्रिया से पुल का पिलर काफी कमजोर हो गया था, जिसके कारण पुल टूट गया। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि नहर की सफाई के दौरान विभाग ने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया, जिससे पुल के पिलर पर अतिरिक्त भार पड़ गया और यह हादसा हो गया। इस पुल की चौड़ाई लगभग 30 फीट था। लगभग 30 वर्ष पहले इस पुल का निर्माण कराया गया था।
वहीं 18 जून को अररिया जिले में एक पुल गिर गया था. बकरा नदी पर बन रहे पुल का तीन पाया अचानक से गिर गया. करीब 12 करोड़ रूपये की लागत से बन रहे पुल के गिर जाने के बाद स्थानीय विधायक ने काम में अनियमितता का आरोप लगाया था. उन्होंने पूरे मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे. वहीं अररिया में निर्माणाधीन पुल गिरने से स्थानीय लोगों में काफी रोष दिखा था.
मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट