KOLKATA : बंगाल में तीसरी दफा सीएम की पद की जिम्मेदारी संभालनेवाली ममता बनर्जी की परेशानी कम होती नजर नहीं आ रही है। जहां एक तरफ बंगाल के राज्यपाल प्रदेश में हो रही हिंसक घटनाओं को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। वहीं दूसरा झटका सीबीआई की तरफ से मिला है। सीबीआई ने ममता के दो मंत्रियों समेत चार नेताओं को गिरफ्तार किया हैं। इनमें मंत्री सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम तथा विधायक शोभनदेव चट्टोपाध्याय, मदन मित्रा शामिल हैं। माना जा रहा है कि सीबीआइ आज ही इन्हें कोर्ट में पेश करेगी तथा आज ही उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगी। चारों नेता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी हैं। बताया जा रहा है कि चारों की गिरफ्तारी 2016 में हुए नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में की गई है।
कार्रवाई के लिए राज्यपाल से मिली अनुमति
इससे पहले सोमवार सुबह सीबीआइ की टीम इन नेताओं के घर पर गई। सीबीआइ के साथ सेंट्रल फोर्स के जवान भी थे और इन लोगों को सीबीआइ के अधिकारी निजाम पैलेस ले आए हैं। जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्यपाल की अनुमति की आवश्यकता थी और गवर्नर जगदीप धनखड़ ने इसकी अनुमति पहले ही दे दी है। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति की जरूरत नहीं है।
क्या है नारद स्टिंग ऑपरेशन
गौरतलब है कि 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारद स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो जारी किया गया था। एक फर्जी कंपनी के सीईओ बने नारद न्यूज़ पोर्टल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मैथ्यू सैमुअल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में जो वीडियो सामने आया था उसमें इन नेताओं को रिश्वत लेते दिखाया गया था। इस में सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी के कई बड़े नेता कैमरे के सामने घूस लेकर एक फर्जी कंपनी को कारोबार में मदद करने का आश्वासन देते नजर आए थे। इनमें ये सारे नेता शामिल थे। इस घटना के बाद प्रदेश में बड़ा राजनीतिक बवाल हुआ था, जिसके बाद जांच की जिम्मेदारी सीबीआइ को सौंप दी गई थी।
बंगाल के नेता प्रतिपक्ष पर भी है आरोप
पांच सालों से सीबीआइ इस मामले की जांच कर रही थी लेकिन अभी तक पूर्व आइपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा को छोड़कर कोई बड़ी गिरफ्तारी नहीं हुई थी। इसके अलावा इस स्टिंग ऑपरेशन में तत्कालीन तृणमूल के कई बड़े नेता फंसे थे। इनमें टीएमसी छोड़ भाजपा में शामिल हुए बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय भी शामिल हैं। इसपर तृणमूल कांग्रेस लगातार आरोप लगाती है कि इस मामले में भाजपा में जा चुके नेताओं के खिलाफ सीबीआइ कोई एक्शन नहीं लेती।