पटना. बिहार की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को स्थिति स्पष्ट की. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू -कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों के तारीखों का ऐलान किया. जम्मू कश्मीर में "विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे; 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा। वहीं हरियाणा में विधानसभा चुनाव एक चरण में होंगे और 1 अक्टूबर को मतदान होगा। दोनों राज्यों में मतगणना 4 अक्टूबर को होगी।
वहीं बिहार के चार सहित देश के 46 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव कब होंगे इसे लेकर राजीव कुमार ने कहा कि फ़िलहाल इन क्षेत्रों में उपचुनाव नहीं होंगे. न सिर्फ 46 विधानसभा बल्कि वायनाड लोकसभा में भी उपचुनाव को लेकर लम्बा इंतजार करना होगा. उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में रिक्ति होने के छह महीने के भीतर उपचुनाव हो जाने चाहिए. फ़िलहाल देश के कई राज्यों में बाढ़ जैसी समस्या है. वहीं वायनाड में भूस्खलन से बड़ा नुकसान हुआ है. इसलिए जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों के बाद सभी 46 विधानसभा क्षेत्रों और वायनाड लोकसभा में उपचुनाव के लिए तारीखों का ऐलान एक साथ किया जाएगा.
बिहार में लोकसभा चुनावों में तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज विधानसभा सीटों के विधायकों ने संसदीय चुनाव में जीत हासिल की है. इसी कारण बिहार की 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इसमें इमामगंज पर हम के जीतन राम मांझी विधायक थे और एक मात्र यही सीट एनडीए के खाते में थी. शेष तीनों तरारी, रामगढ़, बेलागंज पर महा गठबंधन का कब्जा था.
चार सीटों का उपचुनाव एनडीए और महा गठबंधन के लिए प्रतिष्ठा की जंग होगी. इसमें तरारी से वामदलों के सुदामा प्रसाद और रामगढ़ तथा बेलागंज से क्रमशः राजद के सुधाकर सिंह और सुरेन्द्र यादव विधायक थे. शाहाबाद की दो विधानसभा सीट, रामगढ़ एवं तरारी 2020 के विधानसभा चुनाव में पर भाजपा प्रत्याशियों की हार हुई थी। वहीं मगध के बेलागंज में भी एनडीए को हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में इस बार के उपचुनाव में दोनों ओर से बड़ी जोरअजमाइश की जाएगी.