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रिश्वत का खेलः कटघरे में मोतिहारी जिला अवर निबंधक, आरोपी राजीव श्रीवास्तव को मिली क्लीन चीट? वसूली की शिकायत पर निबंधन IG ने की थी जांच

रिश्वत का खेलः कटघरे में मोतिहारी जिला अवर निबंधक, आरोपी राजीव श्रीवास्तव को मिली क्लीन चीट? वसूली की शिकायत पर निबंधन IG ने की थी जांच

MOTIHARI:  मोतिहारी के जिला निबंधन कार्यालय में बड़े खेल का खुलासा हुआ है। जमीन की रजिस्ट्री के नाम पर बड़े स्तर पर धन की उगाही हो रही .इसकी शिकायत विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक तक पहुंची। निबंधन आईजी ने जांच की और जांच में आरोप प्रमाणित पाये गये। जिन दो कर्मियों पर 1.75 लाख लेने का आरोप थे,जांच में वो आरोप सही साबित हुए। के.के. पाठक के तल्ख तेवर के बाद आरोपियों पर केस तो दर्ज हुआ लेकिन वहां भी खेल हो गया। आरोप जिन पर थे उनमें केवल एक कर्मी पर ही केस हुआ,दूसरा आरोपी किसी और को बनाया गया। 1.75 लाख रू लेने में वाले 2 लोगों में एक पर केस और दूसरे आरोपी पर केस दर्ज नहीं किये जाने से मोतिहारी के जिला अवर निबंधक कटघरे में हैं। अब तो यह कहा जा रहा कि निबंधन आईजी के आदेश का भी माखौल उड़ाया जा रहा। 

1.75 लाख रू लिये थे 

निबंधन आईजी ने 1 सितंबर को मोतिहारी जाकर रजिस्ट्री ऑफिस में जांच की थी. साथ में जिला अवर निबंधक वंदना कुमारी से भी पूछताछ की थी. दरअसल बनकट के शिव प्रकाश चौधरी से खाता संख्या 26 खेसरा संख्या 563 के निबंधन के लिए कार्यालय के दो कर्मी कृष्णा सिंह एवं राजीव श्रीवास्तव ने डेढ़ लाख रुपए की मांग की थी। इसकी शिकायत अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक से की गई थी। साथ ही शख्स ने अवैध पैसा मांगने का वीडियो भी बना लिया था. वीडियो देखने के बाद के.के. पाठक ने जांच के आदेश दिये थे। 

निबंधन आईजी ने 1 सितंबर को की थी जांच

अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक के आदेश पर निबंधन महा निरीक्षक ने 1 सितंबर को मोतिहारी जाकर जांच की थी. वीडियो में स्पष्ट था कि दो व्यक्तियों के बीच वार्तालाप था, जिसमें जमीन को रोक सूची से हटा कर भूमि के निबंधन के बदले डेढ़ लाख रुपए नाजायज राशि की मांग की जा रही थी. प्रारंभिक जांच में मामला सही पाया गया है कि दोनों व्यक्तियों ने परिवादी से 1 लाख 75 हजार निबंधन के लिए लिया गया. जिसमें 1 लाख 26 हजार स्टांप के लिए व बाकी कमीशन के नाम पर लिया गया . जांच के बाद निबंधन महा निरीक्षक ने आरोप को सही पाया और दोनों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया.आईजी द्वारा तुरंत केस दर्ज किये जाने के आदेश के बाद भी मोतिहारी के जिला अवर निबंधक ने केस नहीं किया। यानी जिला अवर निबंधक वंदना कुमारी ने विभाग के आदेश की भी अवहेलना की। इसके बाद जिला अवर निबंधक वंदना कुमारी से शो-कॉज की मांग की गई. मद्ध निषेध विभाग के संयुक्त सचिव विनय कुमार ने 3 अगस्त को जिला अवर निबंधक से स्पष्टीकरण की मांग की थी. 

राजीव श्रीवास्तव को बचाया गया ?  

इधर विभाग के तल्ख तेवर के बाद दो आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ. लेकिन परिवाद में जो दो नाम थे या फिर विभाग के संयुक्त सचिव के पत्र में जिन दो कर्मियों के नाम का उल्लेख था,उनमें केवल एक कर्मी कृष्णा कुमार सिंह के खिलाफ ही केस दर्ज हुआ। दूसरा आरोपी राजीव श्रीवास्तव को बचा लिया गया। जिला अवर निबंधक कार्यालय के अधीक्षक की तरफ से नगर थाने में जो आवेदन दिया गया उनमें कृष्णा कुमार सिंह और संजय कुमार का उल्लेख था। यानी राजीव श्रीवास्तव को उस सूची से हटा लिया गया। न तो परिवादी ने किसी संजय कुमार पर आरोप लगाये थे और न विभाग के पत्र में ही उस शख्स के नाम का उल्लेख था. ऐसे में संजय कुमार पर केस दर्ज होना सबको चौंका रहा है। बताया जाता है कि राजीव श्रीवास्तव को बचाने की कोशिश की जा रही है। सूत्र बतातें हैं कि आरोपी राजीव श्रीवास्तव मोतिहारी जिला अवर निबंधन कार्यालय की बड़ी मछली है। 

जिला अवर निबंधक ने राजीव श्रीवास्तव की जगह संजय कुमार को बनाया आरोपी 

मोतिहारी जिला अवर निबंधक के कार्यालय से थाने को जो पत्र दिया गया उसमें लिखा गया है कि परिवादी शिव कुमार चौधरी ने खाता संख्या 26 खेसरा संख्या 663 के निबंधन के लिए डेढ़ लाख रुपए मांग से संबंधित शिकायती पत्र दिया. विभाग ने इसकी जांच की. जांच में परिवादी ने एक वीडियो दिखाया, जिसमें कृष्णा कुमार सिंह संविदा लिपिक एवं संजय कुमार के बीच वार्तालाप है. बातचीत में वर्णित भूमि को रोक सूची से हटाकर निबंधन के एवज में डेढ़ लाख रुपए नाजायज राशि की मांग की जा रही है. प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि इन दोनों व्यक्तियों ने परिवादी से ₹175000 दस्तावेज निबंधन के लिए लिये. जिसमें ₹126000 स्टांप मद एवं शेष कमीशन के नाम पर लिया. जांच के बाद परिवादी को सही पाते हुए नाजायज राशि मांगने वाले अनाधिकृत व्यक्ति, संबंधित कर्मी पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. ऐसे में कृष्णा कुमार सिंह संविदा लिपिक एवं संजय कुमार पर प्राथमिकी दर्ज की जाए. इसके बाद नगर थाने की पुलिस ने प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज किया है. साथ ही सदर एसडीपीओ को जांच का जिम्मा दिया गया है.

कटघरे में जिला अवर निबंधक 

आखिर आरोपी कर्मी राजीव श्रीवा्स्तव पर केस क्यों नहीं दर्ज हुआ, क्या वे इस खेल में शामिल नहीं है? क्या उन्हें क्लीनचिट मिल गया? इन सवालों का जवाब मोतिहारी के जिला अवर निबंधक के पास नहीं है। उनसे जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में कुछ भी नहीं बोलेंगे. इस मुद्दे पर जिले के जिलाधिकारी ही बोलेंगे। यानी इस पूरे प्रकरण में ऊपर तक की मिलीभगत है। 


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