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UP ELECTION : पिता की हत्या का बदला लेकर माफिया डॉन बन गया बृजेश सिंह, रिकॉर्ड मतों से बना था एमएलसी

UP ELECTION : पिता की हत्या का बदला लेकर माफिया डॉन बन गया बृजेश सिंह, रिकॉर्ड मतों से बना था एमएलसी

DESK : उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा के चुनाव कराये जायेंगे। जिसके लिए कभी भी चुनाव आयोग की ओर से घोषणा की जा सकती है। चुनाव को लेकर सत्ताधारी दल भाजपा से लेकर अन्य पार्टियों ने भी जोर आजमाइश शुरू कर दिया है। हालाँकि राज्य की बात करें तो यहां कई माफिया भी थे। जिन्होंने अपराध की दुनिया से सियासी मुकाम हासिल किया था। इसमें बृजेश सिंह का नाम भी शामिल हैं। माना जाता है की बृजेश सिंह का आतंक यूपी ही नहीं दुसरे राज्यों में भी था। अपराध की दुनिया में दबदबा रखने वाले बृजेश सिंह ने जब एमएलसी का चुनाव लड़ा तो रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल किया था।  

पढ़ाई में होनहार था बृजेश सिंह 

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जन्मे बृजेश सिंह का असली नाम अरुण कुमार सिंह था। सियासी रसूख वाले रविन्द्र सिंह के घर जन्मे बृजेश सिंह बचपन में पढ़ाई लिखाई में काफी होनहार था। उसने 1984 में इंटर की परीक्षा में बहुत अच्छे अंक से पास किया था। उसके बाद बृजेश ने यूपी कॉलेज से स्नातक तक की शिक्षा ली। कॉलेज में भी उसने उम्दा प्रदर्शन किया था। पिता चाहते थे कि बृजेश पढ़ लिखकर अच्छा इंसान बने। लेकिन अचानक एक घटना ने बृजेश सिंह का जिंदगी बदल दिया। 27 अगस्त 1984 को वाराणसी के धरहरा गांव में बृजेश सिंह के पिता रविन्द्र सिंह की हत्या कर दी गई। उनकी हत्या का आरोप उनके सियासी विरोधी माने जाने वाले हरिहर सिंह और पांचू सिंह के साथ उनके साथियों पर लगा। पिता की हत्या के बाद बृजेश सिंह ने अपने मन में पिता की हत्या का बदला लेने का ठान लिया। इसी बीच 27 मई 1985 को रविंद्र सिंह का हत्यारा हरिहर सिंह बृजेश के सामने आ गया। उसे देखते ही बृजेश ने उसे मौत के घाट उतार दिया। 

बृजेश की बदल गयी जिंदगी 

यह घटना बृजेश सिंह की जिंदगी का टर्निंग पॉइंट था। इस घटना के बाद बृजेश सिंह अपराध की दुनिया में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हरिहर सिंह को मारने के बाद पिता की हत्या में शामिल पांच लोगों को उसने गोली मार दी। वह दिन था 9 अप्रैल 1986। इसी दिन बनारस के सिकरौरा गांव में बृजेश सिंह इस घटना को अंजाम दिया था। इस घटना के बाद वह गिरफ्तार हो गया। लेकिन बृजेश सिंह छवि बदल गयी और उसे माफिया डॉन के रूप में जाने जाना लगा। जेल से निकलने के बाद बृजेश सिंह अंडरग्राउंड हो गया। लेकिन वह पूरी तरह एक्टिव था। उसने ठेकेदारी और रंगदारी जैसे कई काम शुरु कर दिए। इसी दौरान उसकी दुश्मनी बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी से हो गई। हालाँकि मुख्तार अंसारी के साथ गैगवार में उसके भाई का मर्डर भी गया। लेकिन बृजेश ने पश्चिम बंगाल, मुंबई, बिहार, और उड़ीसा में भी अपना नेटवर्क बना लिया था। इस घटना के बाद बृजेश ने कई गंभीर वारदात को अंजाम दिया। 

अपराध की दुनिया से राजनीति में कदम 

अपराध की दुनिया में दबदबा बनाने के बाद बृजेश सिंह ने राजनीति की दुनिया में कदम रखा। साल 2015 के दौरान यूपी में एमएलसी का चुनाव था। जिसमें माफिया डॉन बृजेश सिंह ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी। हालांकि इसके बाद साल 2017 के विधान सभा चुनाव में वह भारतीय समाज पार्टी से सैयदराजा विधानसभा (चंदौली) से चुनाव लड़ा था। लेकिन तब बृजेश को हार का सामना करना पड़ा था। 


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