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थानेदार नहीं गुंडा कहिए..! मोतिहारी के मनबढू SHO ने सारी सीमा लांध दी, दूसरे थाने में जाकर एक 'नेता' को जमकर पीटा, खुलासे के बाद SP ने बिठाई जांच

थानेदार नहीं गुंडा कहिए..! मोतिहारी के मनबढू SHO ने सारी सीमा लांध दी, दूसरे थाने में जाकर एक 'नेता' को जमकर पीटा, खुलासे के बाद SP ने बिठाई जांच

MOTHARI : मोतिहारी का एक मनबढू थानेदार दूसरे थाने में जाकर हाजत से जबरन निकालकर एक नेता की पिटाई की है. पिटाई की बात की जानकारी सबको हो गई है। मीडिया के खबर आने के बाद मोतिहारी पुलिस की भद्द पिट गई है। गंभीर आरोप के बाद एसपी ने सदर एसडीपीओ को जांच के आदेश दिये हैं. SDPO सोमवार को पूरे मामले की जांच करेंगे। पिटाई के पीछे यह वजह बताई जा रही कि उस नेता ने आदापुर थानाक्षेत्र में पदस्थापित रहने के दौरान मनबढू थानेदार संदीप कुमार की करतूत का विरोध किया था. आरोप है कि पुलिस ने एक केस में उक्त नेता को जब गिरफ्तार किया तो वह मनबढू थानेदार दूसरे थाना क्षेत्र में जाकर उस शख्स की जमकर पिटाई कर दी। वैसे संदीप कुमार की मोतिहारी में काफी बदनामी रही है. शराब माफिया को थाने से छोड़ने का गंभीर आरोप है. जांच में इस बात की पुष्टि हो गई थी. हालांकि तब भी आरोपी थानेदार को बचा लिया गया था. अरेराज एसडीपीओ ने जब जांच की तो इस थानेदार की पूरी पोल खुल गई थी. 

थानेदार नहीं गुंडा कहिए    

आदापुर के पूर्व थानेदार व वर्तमान में बंजरिया के मनबढू थानेदार पर विरोध का बदला लेने के लिए एससी-एसटी थाना पहुंचकर हाजत से निकाल कर जिला पार्षद पति का पिटाई का आरोप है। जिला पार्षद पति के आरोप के बाद जिला में पुलिस की करतूत की चर्चा सुर्खियों में है। जिला पार्षद पति रमेश सिंह ने बताया कि विद्युत् जेई के सरकारी कार्य मे बाधा डालने के केस के आरोप में आदापुर पुलिस ने रविवार की अहले सुबह टहलने के दौरान गिरफ्तार किया। आदापुर पुलिस ने गिरफ्तारी के तुरन्त बाद उसे लेकर मोतिहारी एससी/एसटी थाना हाजत में बंद कर दिया। जहाँ आदापुर के पूर्व थानेदार सह बंजरिया के थानेदार द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया। वहीं कम्पाउंड में उसकी पिटाई की गई। जिला पार्षद पति ने बताया कि आदापुर के पूर्व थानेदार संदीप कुमार जो वर्तमान में बंजरिया थाना में एसएचओ के पद पर पदस्थापित हैं के गलत कार्यो के विरुद्ध वरीय अधिकारियों से शिकायत की थी। इसी से वह हमारे खिलाफ आगबबूला था. थानेदार ने बदला लेने के लिए साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया। बिना किसी वरीय पदाधिकारी के निर्देश के बदला लेने के लिए दूसरे थाना पहुचकर बंजरिया थानेदार द्वारा हाजत से निकलकर मारपीट व गली गलौज किया गया है। उन्होंने कहा की एससी/एसटी थाना की सीसीटीवी की जांच कराई जाय व उपस्थित पुलिस कर्मियों से पूछताछ किया जाय तो मामले का खुलासा हो जाएगा। 

तीनों थानेदार के बयान से ही सबकुछ हो जा रहा साफ 

आदापुर थानेदार, एससी-एसटी थानेदार और आरोपी बंजरिया थानेदार के बयान से ही पूरे मामले से पर्दा उठ जा रहा है। तीनों थानेदार के बयान में भारी विरोधाभाष है. जांच अधिकारी सदर एसडीपीओ को इस केस को सुलझाने के लिए अधिक मिहनत करने की जरूरत नहीं। इऩ तीनों से पूछताछ और सीसीटीवी से ही इस मनबढू थानेदार की पूरी पोल खुल जायेगी। एससी/एसटी थानेदार चंद्रिका कुमार ने बताया कि हम डेरा पर थे। हाजत में आदापुर से एक कैदी को लाने की सूचना दी गयी थी। हाजत से निकालकर क्या किया गया इसकी जनकारी मुझे नही है। वहीं आदापुर थानेदार डॉ राजीव नयन प्रसाद ने बताया कि सरकारी कार्य मे बाधा डालने के आरोप में जिला पार्षद पति रमेश सिंह को गिरफ्तार किया गया था। जिसे एससीएसटी थाना हाजत में बंद किया गया था। बंजरिया थानेदार द्वारा पूछताछ के लिए हाजत से निकाला गया था। बड़ा सवाल यही है कि बंजरिया थानेदार ने किस हैसियत से और केस में पूछताछ के लिए उस शख्स को हाजत से निकाला? दूसरे के थाने में जाकर वह कैसे किसी को हाजत से निकाल सकते हैं ? क्या आरोपी को पकड़ने के लिए बंजरिया थानेदार गए थे ? अगर नहीं गए थे तो फिर थाना पर कैसे पहुंचे ? आदापुर, बंजरिया और एससी-एसटी थानेदार के मोबाईल का कॉल डिटेल और टावर लोकेशन से दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जायेगा।   

इस मनबढू थानेदार पर शऱाब माफिया को छोड़ने का था आरोप 

वहीं आरोपी वर्तमान बंजरिया थानेदार संदीप कुमार ने बताया कि जिला पार्षद पति जूता पहनकर थाना हाजत में चला गया था। उसे थाना हाजत से निकलकर जूता खोलवाया गया। वहीं पॉकेट जांच करवाया गया। मैं थाना कैम्पस में नही गया था। उन्होंने कहा की मारपीट व अभद्र व्यवहार का लगाया गया आरोप निराधार है। बंजरिया थानेदार के बयान से ही बहुत कुछ साफ हो रहा। जब वे थाना कैंपस में नहीं गए तो फिर कैसे जान गए कि शख्स जूता पहनकर हाजत में गया था? उसे हाजत से निकलवाया गया वे कैसे जान गए ? उसके पैकेट की जांच की गई यह भी कैसे जान रहे ?आखिर आदापुर थाने के किसी केस में उन्हें क्यों इतना इंटरेस्ट था ? इस सवाल का जवाब तो आरोपी थानेदार को देना ही होगा? वैसे इस आरोपी थानेदार पर पहले भी गंभीर आरोप लग चुके हैं. पैसा लेकर थाना हाजत से एक शऱाब कारोबारी को छोड़ा गया था. जांच में पुष्टि हुई तो आनन-फानन में इस आरोपी थानेदार ने छोड़े गए शख्स को गिरफ्तार किया था और उसे जेल भेजा था. जिले के पहाड़पुर थाने में पोस्टिंग के दौरान इस थानेदार की करतूत सामने आई थी। 

मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट 

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