PATNA :सीबीआइ की तीन सदस्यीय टीम मंगलवार को
राबड़ी देवी के आवास,10 सर्कुलर रोड पहुंची और बिहार
अवामी कोऑपरेटिव बैंक से जुड़े मामले में पूछताछ की। राजद विधायक भोला यादव के
मुताबिक राबड़ी देवी से तीन बिन्दुओं पर करीब 15 मिनट तक पूछताछ हुई। गवाह के रूप में
उनसे पूछताछ की गयी। नोटबंदी के दौरान अवामी कोऑपरेटिव बैंक में जो रुपये जमा किये
थे उसके बारे में जानकारी ली गयी गयी।
अवामी
कोऑपरेटिव बैंक का संचालन लालू प्रसाद के करीबी अनवर अहमद करते हैं। नोटबंदी के दौरान इस बैंक के
फर्जी खातों में एक हजार और पांच सौ के पुराने नोट जमा कर के नये नोट लिये गये थे।
CBI की इस टीम में एक महिला अधिकारी
भी शामिल थीं। 2017 में इनकम टैक्स ने बिहार अवामी कॉपरेटिव बैंक में छापा मारा था जिससे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला
सामने आया था।
भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पहले आरोप लगाया था कि अवामी कोऑपरेटिव बैंक में फर्जी पहचान पत्र पर 41 खाते खोल कर 70.46 लाख रुपये के काला धन को सफेद किया गया था। इस मामले में अनवर अहमद के पुत्र की गिरफ्तारी भी हुई थी। भाजपा नेता सुशील मोदी ने कुछ महीने पहले यह आरोप लगाया था कि इस बैंक में लालू प्रसाद और राबड़ी देवी का खाता है जो कि एक्टिव है। आरोप के मुताबिक लालू के खाता में 58 लाख रुपये और राबड़ी देवी के खाता में 15.62 लाख रुपये जमा हैं।
सुशील मोदी के मुताबिक राबड़ी देवी के 18 फ्लैट
अरविंद यादव के परिवार की जमीन पर बने हैं। इसके बदले अरविंद यादव परिवार को जो पांच
अलग- अलग चेक दिये गये थे वे इसी कॉपरेटिव बैंक के हैं। आरोप है कि लालू प्रसाद और उनके परिवार की बेनामी संपत्ति खरीदने में आवामी
को-ऑपरेटिव बैंक का पूरा इस्तेमाल किया गया है। अवामी कॉपरेटिव बैंक के संचालक अनवर
अहमद को लालू प्रसाद का कबाब मंत्री कहा जाता था। वे लालू प्रसाद के लिए तरह तरह
का मांसाहारी भोजन मुहैया कराते थे। इससे खुश हो कर लालू प्रसाद ने अनवर अहमद को
दो बार MLC बनाया था।