हाल के दिनों में मकान मालिकों और किराएदारों के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए मोदी सरकार नया कानून लाने जा रही है। केंद्र सरकार मकान और दुकान किराए पर लेने-देने वालों के लिए मॉडल टेनंसी ऐक्ट जल्द ही लाने की तैयारी कर रही है। मकान-दुकान मालिक और किराएदार के हितों के संतुलित संरक्षण के लिए नए कानून के मसौदे पर काम अंतिम चरण में है। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में इसे अंतिम रुप देने के लिए मंत्रियों के समूह की 2 मुलाकातें भी हो चुकी है। सरकार का इरादा अगस्त में इस पर कैबिनेट से मंजूरी लेने का है।
ऐक्ट के तहत मकान मालिक को घर के मुआयने, रिपेयर से जुड़े काम या किसी दूसरे मकसद से आने के लिए 24 घंटों का लिखित नोटिस अडवांस में देना होगा। रेंट अग्रीमेंट में लिखी समय सीमा से पहले किरायेदार को तब तक नहीं निकाला जा सकता, जब तक उसने लगातार दो महीनों तक किराया न दिया हो या वह प्रॉपर्टी का गलत इस्तेमाल कर रहा हो।
नए कानून के प्रावधानों में कहा गया है कि मकान मालिक 3 महीने के किराये से ज्यादा सिक्योरिटी डिपॉजिट नहीं ले सकेगा। मकान खाली करने की सूरत में 1 महीन में सिक्योरिटी वापस करनी होगी। मकान मालिक मकान के नवीनीकरण के बाद किराया बढ़ा सकता है।मकान मालिक को मकान में आने के 1 दिन पहले नोटिस देना होगा । झगड़े की स्थिति में कोर्ट की बजाय स्पेशल किराया ट्रायबूनल बनाए जाएंगे।
बता दें कि वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था कि नए कानून के तहत मकान मालिकों के मनमर्जी किराए बढ़ाने और रोक-टोक करने के साथ-साथ किराएदारों को आने वाली कई अन्य परेशानियों पर रोक लगाई जा सकेगी। इस कानून में मकान मालिक के अधिकारों का भी ख्याल रखा जाएगा। निर्मला सीतारमण ने कहा कि नए किराया कानून को अंतिम रूप देकर राज्यों को भेजा जाएगा।