Patna : सबसे बड़े कोरोना अस्पतालों को फंड देकर केन्द्र ने साबित कर दिया है कि संकट की इस घड़ी में मोदी सरकार बिहार के साथ मजबूती से खड़ी है। यह कहना है बिहार बीजेपी के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल का।
बिहटा और मुजफ्फरपुर में 500 बेडों की सुविधा वाले कोरोना अस्पतालों को पीएम केयर ट्रस्ट के तहत से फंड देने के लिए प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि पीएम केयर ट्रस्ट फंड के तहत बिहार के सबसे बड़े कोरोना अस्पतालों को फंड देकर केंद्र सरकार ने एक बार फिर बिहार के प्रति अपने लगाव को जाहिर किया है। सरकार के इस निर्णय से बिहार में कोरोना के खिलाफ चल रही जंग को और मजबूती मिलेगी। यह दिखाता है कि संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार हर कदम पर बिहार के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।
डॉ जायसवाल ने कहा “ इन दोनों अस्पतालों में से बिहटा स्थित कोविड हॉस्पिटल का उद्घाटन गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के कर कमलों द्वारा किया जा चुका है, वहीं मुजफ्फरपुर के 500 बेड के अस्पताल का उद्घाटन भी बहुत जल्द किया जाने वाला है। इस अस्पताल में कोरोना वायरस के उपचार से संबंधित तमाम सुविधाएं मरीजों के लिए मुफ्त उपलब्ध कराई गई हैं। इस अस्पताल में मरीज सीधे या फिर रेफर होकर भर्ती हो सकते हैं। कोरोना वायरस के वैसे गंभीर मरीज जिन्हें आईसीयू या वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत होगी, वे भी यहां भर्ती हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में 125 गंभीर मरीजों को एक साथ भर्ती और उपचार करने की सुविधा है। उपचार करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टर यहां तैनात रहेंगे। यह दोनों अस्पताल रक्षा मंत्रालय के सहयोग से कोरोना वायरस का संक्रमण खत्म होने तक चलेंगे।
बिहार के सबसे बड़े इन कोरोना अस्पतालों हॉस्पिटल में 375 सामान्य बेड लगाए गए हैं, जिसमें कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का उपचार होगा। सामान्य वार्ड में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज भर्ती किए जाएंगे। गंभीर मरीजों के लिए 125 आईसीयू बेड रखे गए हैं। सभी बेड पर ऑक्सीजन देने की सुविधा है। यहां आईसीयू में वेंटिलेटर के साथ-साथ मॉनिटर भी लगाए गए हैं ताकि कोरोना के गंभीर मरीजों का उपचार किया जा सके।
वहीं विपक्ष को निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पीएम केयर ट्रस्ट के तहत बिहार के इन दो अस्पतालों को मिलने वाले इस फंड से सबसे ज्यादा दुःख इस फंड पर झूठ बोल दुष्प्रचार करने वाले विपक्षी दलों हुआ होगा। इन अस्पतालों की स्थापना ने उनके मुंह पर ताला जड़ दिया है। उम्मीद है कि वह अब इस फंड पर दुष्प्रचार करने से बाज आएंगे।