RANCHI : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के झारखंड राज्य सचिव सह हजारीबाग के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि एनआरसी और सीएए जो केंद्र सरकार द्वारा लागू किया जा रहा है, वह जनहित में नहीं है. रांची में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा की यह भारतीय संविधान के विपरीत है.
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उसके खिलाफ पूरे देश में आंदोलन हो रहा है. भारतीय जनता पार्टी की जिन राज्यों में सरकार है, वहाँ पर आंदोलन को दबाने के लिए वह दमन का रास्ता अख्तियार कर रही है. उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश के बनारस में भाकपा और किसान सभा के नेता को जेल भेजा गया और जब जमानत मिला तो दिर से जेल भेज दिया गया. इसी तरह कर्नाटक की राजधानी बंगलौर में सीपीआई के कार्यालय पर धावा बोला गया और आग लगा दी गयी. पार्टी इसकी घोर निंदा करती है. पार्टी प्रधानमंत्री से मांग करती है कि वे दमन का रास्ता बंद करें और सीएए और एनआरसी को वापस लें.
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पूर्व सांसद ने कहा की झारखंड के विधान सभा चुनाव का परिणाम पार्टी के लिए चिंताजनक है. हालाँकि उन्होंने यह भी कहा की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जनता को बधाई देती है और अभिनंदन करती है कि उन्होंने जनविरोधी सरकार को उखाड़ कर एक प्रगतिशील एवं धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को बहुमत दिया. पार्टी हेमंत सोरेन को बधाई देती है कि उनके नेतृत्व में महागठबंधन ने चुनाव लड़ा और अभूतपूर्व सफलता प्राप्त किया. उन्होंने महागठबंधन के नेताओं को भी बधाई दिया. उन्होंने कहा की पार्टी हेमन्त सोरेन की सरकार उम्मीद करती है कि झारखंड की जनता की चिरप्रतीक्षित आकांक्षाओं को पूरा करे.
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साथ ही जल, जंगल और जमीन की हिफाजत करें. विस्थापितों के अधिकार की रक्षा, किसानों की कर्ज माफी, भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 को लागू करने एवं उपजाऊ जमीन के अधिग्रहण पर रोक, सीएनटी एक्ट की रक्षा, पलायन पर रोक, झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में खाली जगहों को समय सीमा पर भरने का काम करें. मॉब लिंचिंग पर रोक एवं सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने की दिशा में काम हो. साथ ही साथ जमीन आंदोलन यथा भूमिअधिग्रहण एवं सीएनटी एक्ट को लेकर आंदोलन में हुए मुकदमे वापस हो. बड़कागांव के विधायक निर्मला देवी पर झूठे मुकदमे वापस लिया जाए एवं राज्य बदर के फैसला वापस लिया जाए.
रांची से कुंदन की रिपोर्ट