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भ्रष्टाचार के आरोपी 'उत्पाद अधीक्षक' पर चार्जशीट जल्द, जांच अंतिम चरण में....जनवरी में मुश्किल बढ़ने वाली है

भ्रष्टाचार के आरोपी 'उत्पाद अधीक्षक' पर चार्जशीट जल्द, जांच अंतिम चरण में....जनवरी में मुश्किल बढ़ने वाली है

पटना. भ्रष्टाचार के आरोपी उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश को मीटिंग से गायब रहने पर सस्पेंड किया गया है। मद्ध निषेध विभाग ने बेगूसराय में पदस्थापित उत्पाद अधीक्षक अविनाश को 22 दिसंबर को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है. इसके पहले आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसवीयू ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी। तब वे मोतिहारी में इसी पद पर पदस्थापित थे. डीए केस में छापा के बाद भी मद्य निषेध विभाग ने उन्हें निलंबित नहीं किया था। हाल के दिनों में अविनाश प्रकाश शायद पहले ऐसे अधिकारी थे, जिनपर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज होने और ठिकानों पर छापेमारी के बाद भी सस्पेंड नहीं किया गया था. साथ ही फील्ड पोस्टिंग भी दी गई थी। न सिर्फ मद्ध निषेध विभाग बल्कि दूसरे विभागों में भी इसकी खूब चर्चा थी. लेकिन इस बार उत्पाद अधीक्षक अपनी ही जाल में फंसकर निलंबित हो गये हैं। अब भ्रष्टाचार केस की जांच भी तेज हो गई है। आने वाला समय में भ्रष्टाचार के आरोपी उत्पाद अधीक्षक के लिए और मुश्किल बढ़ सकती है। विशेष निगरानी इकाई इस कोशिश में है कि जितना जल्द हो सके, चार्जशीट दाखिल किया जाय.

जनवरी में चार्जशीट दाखिल होने की संभावना  

विशेष निगरानी इकाई के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो मोतिहारी के तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश के खिलाफ दर्ज डीए केस की जांच और तेज कर दी गई है। जांच अंतिम चरण में है। जनवरी 2023 में जांच खत्मभ्र कर आरोप पत्र दाखिल कर दिया जायेगा। एसवीयू की तरफ से तैयारी तेज कर दी गई है। दरअसल, डीए केस दर्ज होने के बाद भी विभाग द्वारा निलंबित नहीं किये जाने के बाद एसवीयू ने पत्राचार किया था. इसके बाद मद्ध निषेध विभाग ने निलंबन की बजाय फील्ड पोस्टिंग देते हुए बेगूसराय का उत्पाद अधीक्षक बना दिया था. इसके बाद डीए केस की जांच को और तेज कर दिया गया. अविनाश प्रकाश के खिलाफ दिसंबर 2021 में डीए केस दर्ज किया गया था। एक साल में जांच अंतिम दौर में है। एसवीयू का कहना है कि जनवरी में चार्जशीट दाखिल करने की प्लानिंग है. मोतिहारी के तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक के खिलाफ अगर अगले महीने चार्जशीट दाखिल हो जाती है तो फिर फील्ड पोस्टिंग संभव नहीं। 

गायब रहने पर 22 तारीख को हुए थे सस्पेंड

बता दें, 21 दिसंबर को मद्य निषेध उत्पाद विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में बेगूसराय के अधीक्षक अविनाश प्रकाश शामिल नहीं हुए थे .फोन करने पर पता चला कि वह दिल्ली में है. विभाग ने इसे काफी गंभीर मामला बताया. आदेश में कहा है कि जहरीली शराब की घटना से विभाग से लेकर क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं। इसके बाद भी बेगूसराय के अधीक्षक उत्पाद ने बिना जानकारी दिए मुख्यालय से बाहर हैं। यह घोर लापरवाही का प्रतीक है। ऐसे में उन्हें निलंबित करते हुए अररिया अटैच कर दिया गया है ।

एसवीयू ने उत्पाद अधीक्षक के ठिकानों पर की थी छापेमारी 

विशेष निगरानी इकाई ने मद्द निषेध के अधिकारी मोतिहारी के तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में छापेमारी की थी। विशेष निगरानी इकाई ने 9 दिसंबर 2021 को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज कर छापेमारी की थी। एसवीयू का दावा था कि रेड में अकूत संपत्ति का पता चला है. नोट गिनने की मशीन के साथ-साथ अन्य दस्तावेज मिले थे। लेकिन विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोपी उत्पाद अधीक्षक को निलंबित करने की बजाय सिर्फ वहां से हटा दिया। इसके कुछ दिनों बाद अप्रैल 2022 में भ्रष्टाचार के आरोपी अधीक्षक अविनाश प्रकाश को बेगूसराय का उत्पाद अधीक्षक के पद पर पोस्टिंग कर दी गई। इस तरह से भ्रष्टाचार के आरोपी को विभाग ने फील्ड पोस्टिंग दे दिया। एसवीयू की जांच में सामने आया कि कि अविनाश ने आय के वैध स्रोत से अधिक धनार्जन कर संपत्ति बनाई है। इसके लिए उन्होंने परिजनों व मित्रों तथा अन्य के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग कर कालेधन को सफेद बनाने का भी प्रयास किया है। तलाशी के दौरान 2 पासपोर्ट, 15 पासबुक, 4 इश्योरेंस से संबंधित दस्तावेज बरामद होने की बात सामने आई थी। उत्पाद अधीक्षक की पत्नी के नाम से कुल 41 डिसमिल में निर्मित तीन फ्लैट जिसकी कीमत 8.25 लाख और पिता के नाम से 800 डिसमिल जमीन जिसकी कीमत 48.5 लाख का पता चला था। अविनाश पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी सेवा में रहते हुए नाजायज ढंग से अकूत संपत्ति अर्जित की है जो उनके द्वारा प्राप्त वेतन एवं अन्य ज्ञात स्रोतों की तुलना में बहुत ही अधिक है।

SVU ने 2022 में 20 केस दर्ज किया

विशेष निगरानी इकाई ने 2 वर्षों में 23 केस दर्ज किए हैं. इनमें वर्ष 2021 में 6 तथा वर्ष 2022 में 17 कांड दर्ज हुए हैं. इनमें 20 केस तो आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने को लेकर हुई है. इसके अलावे तीन केस भ्रष्ट अधिकारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार होने के संबंध में दर्ज किया गया है. एसवीयू ने ट्रैप के तीनों केस का अनुसंधान पूरा कर चार्जशीट भी दाखिल कर दिया है। वहीं आय से अधिक संपत्ति के एक केस में भी आरोप पत्र समर्पित किया जा चुका है. इसके साथ ही एक केस का अनुसंधान अंतिम चरण में है. संभावना है कि जनवरी 2023 में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के दूसरे केस में भी चार्जशीट दाखिल हो जाए.

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