RAIPUR: छत्तीसगढ़ सरकार और संविदा डॉक्टरों के बीच तनातनी की स्थिति बन गई है. कोरोना काल के बीच डॉक्टर इस्तीफा इस्तीफा देने के मूड में आ गए हैं. मामला यहां दरअसल संविदा डॉक्टर के वेतनमान पर आकर अटक गया है. एक तरफ जहां कोरोना काल में लगातार स्वास्थ्य सेवा में लगे डॉक्टर और कर्मचारियों को अधिक वेतनमान देकर उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है और उन्हें एक तरफ से धन्यवाद ज्ञापन किया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में सरकार अनुबंधित संविदा चिकित्सकों के वेतनमान को ही घटा रही है. जिस वजह से करीब 800 संविदा चिकित्सक इस्तीफा देने के मूड में आ चुके हैं.
दरअसल छत्तीसगढ़ में संविदा डॉक्टरों को का वेतनमान 75,000 रुपए है, जिसे सरकार द्वारा घटाकर 55,000 रुपए कर दिया गया है. इसी फैसले से डॉक्टर्स के बीच नाराजगी है और वह इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों तक अपनी शिकायत पहुंचा रहे हैं. सरकार ने इस ओर ध्यान दिया है और सरकार बीच का रास्ता निकालने पर विचार कर रही है. अंबेडकर अस्पताल में काम कर रहे हैं 45 संविदा डॉक्टर को लेकर कहा गया है कि उन्हें अब वेतनमान घटाकर मिलेगा. इस संबंध में प्रदेशभर के कुल 800 डॉक्टर एक साथ हैं और उन्होंने कहा है कि अगर सरकार का आदेश वापस नहीं लिया जाता तो वह इस्तीफा देने को तैयार हैं. डॉक्टरों ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से हम इस महामारी के दौर में बिना रुके अपनी सेवाएं दे रहे हैं, न कोई प्रोत्साहन राशि मिलती है न ही कोई छुट्टी.
डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल में लगातार 12-12 घंटे की ड्यूटी कर रहे डॉक्टर्स गर्मी के कारण बेहोश हो जाते हैं. गंभीर मरीजों की मौत होने पर परिजनों का गुस्सा भी झेलना पड़ता है। इनसब के बीच बमें छुट्टी भी नहीं दी जा रही। ऐसे में सरकार द्वारा गैरजिम्मेदाराना रवैया तकलीफदेह है, और हम इसका विरोध करते हैं.