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जांच नही मजाक है ! पटना में सुशासन को डूबोने वाले अधिकारियों को ही मिला जांच का जिम्मा.....बीजेपी एमएलसी का सनसनीखेज आरोप

जांच नही मजाक है ! पटना में सुशासन को डूबोने वाले अधिकारियों को ही मिला जांच का जिम्मा.....बीजेपी एमएलसी का सनसनीखेज आरोप

PATNA : पटना में रिकॉर्ड जलजमाव, जिसने पटना वासियों के जीवन को बर्बाद करके रख दिया है, इसके लिए दोषी अधिकारियों का पता लगाना और उन्हें एक्ज़ेम्पलरी पनिशमेंट देना, जिससे कि भविष्य में कोई अधिकारी सरकारी कामों को हल्के में ना लें, ऐसा ही हमारी मांग है।

अब देखिए इस मांग को सरकार ने स्वीकार तो किया है। एक जांच समिति भी गठित की है। लेकिन जिन अधिकारियों के आपराधिक लापरवाही की वजह से पटना वासियों को नारकीय जिंदगी जीने के लिए विवश होना पड़ा, आज वे ही अधिकारी इस जांच समिति के सदस्य बने हुए हैं। 

शहरी आधारभूत संरचना को दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी शहरी विकास मंत्रालय का होता है। शहरी विकास मंत्रालय के विशेष सचिव समिति के अध्यक्ष हैं। नालों का रखरखाव, सफाई आदि का काम होता है बुडको का। अब उसके ही प्रबंध महानिदेशक इस समिति के दूसरे सम्माननीय सदस्य हैं। तीसरे सदस्य पटना नगर निगम के नवनियुक्त आयुक्त हैं। नगर निगम के आयुक्त सड़कों की साफ-सफाई के साथ साथ यदि कहीं पर सफाई, नाली की सफाई में आधारभूत संरचना की कमी पाई जाती है, तो उसके विषय में सरकार के साथ संपर्क करके उसे सुधारने की जिम्मेदारी होती है। लेकिन नगर आयुक्त 3 सप्ताह पहले ही त्यागपत्र देकर हट चुके थे। नहीं तो इसका वही सदस्य होते। 

इस तरह का मजाक पटना वासियों के साथ क्यों हो रहा है? यदि सरकार दोषियों को पहचानने और दंडित करने के लिए तत्पर है, तो अविलंब इसकी एक न्यायिक जांच करवानी चाहिए, जिसे सारे अधिकारियों एवम कर्मचारियों की गतिविधियों की जानकारी दी जाए और पता किया जाए कि इन सैकड़ो-हजारों करोडों रुपए, जिसे पटना की गलियों मोहल्लों को रहने के लायक बनाए रखने के लिए खर्च किया जाता है, उसका किस प्रकार से दुरुपयोग हुआ, जिसके परिणाम स्वरूप पटना नरक में तब्दील हो गया है। यदि ऐसा नहीं होता है और लीपापोती का प्रयास किया जाता है, तो इसे पटना की जनता कितना बर्दाश्त करेगी आने वाला समय बताएगा।

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