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छपरा शहर को जलजमाव से मिलेगी निजात, 229 करोड़ की बनी कार्य योजना

छपरा शहर को जलजमाव से मिलेगी निजात, 229 करोड़ की बनी कार्य योजना

CHHAPRA : छपरा नगर निगम क्षेत्र के लिए एक बड़ी योजना बनकर तैयार हुई है जो नगर वासियों को जलजमाव से राहत देने के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकती है। यह एक समेकित प्रोजेक्ट है। यदि इस योजना की स्वीकृति राज्य सरकार से प्राप्त हो जाती है तो शहर वासियों के लिए कई दशकों तक जलजमाव की समस्या समाप्त हो जाएगी।

क्या है कार्य योजना

मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना पार्ट टू के तहत प्रभुनाथ नगर, शक्ति नगर , खानुआ नाला का अवशिष्ट भाग और पूरा छपरा शहर का एक विस्तृत कार्य योजना तैयार कर विभाग को भेजा गया है, जिसका अनुमानित लागत 229 करोड़ रुपए है। इस योजना की स्वीकृति मिलने के पश्चात छपरा शहर और उसके आसपास के क्षेत्र का जल निकासी समुचित ढंग से हो पाएगा।

इन मुख्य नालों को भी जोड़ने का काम शुरू

निगम क्षेत्र के मुख्य 39 नालों को नमामि गंगे योजना अंतर्गत पाइप लाइन से संबद्ध करने का कार्य चल रहा है। प्रथम फेज में 29.9 करोड़ की लागत से खनुआ नाला की 1085 मीटर में आरसीसी ड्रेन बॉक्स का निर्माण कार्य प्रगति में है। इस योजना की कार्यकारी एजेंसी बुडको है। आगामी बरसात में जल जमाव की स्थिति पैदा ना हो को ध्यान में रखते हुए 150 मीटर कच्चा नाला बुडको द्वारा तैयार कर दिया गया है। फेज टू में कुल 1450 मीटर एवं प्रथम पेज का 665 मीटर का बचा हुआ हिस्सा यानी कुल 2115 मीटर में आरसीसी ड्रेन बॉक्स का निर्माण का प्राक्कलन बुडको के द्वारा तैयार कर विभाग को भेजा गया है ,जो विचाराधीन है। इस पर लागत 30 करोड़ के आसपास हो सकती है।

वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर काम शुरू

नमामि गंगे योजना अंतर्गत ₹244 करोड़ का एसटीपी का निर्माण कार्य बुडको के द्वारा कराया जा रहा है। यह एक बहुउद्देशीय योजना है जिसमें गंदे जल को शोधित कर पुनः कृषि कार्य के उपयोग में लाया जा सकेगा। शेरपुर गांव में एक प्लांट बुडको के द्वारा लगाया जा रहा है। इस योजना के पूर्ण होने के पश्चात बुडको के द्वारा 15 साल तक इसका रखरखाव संधारण और पुनर्मरमती का कार्य किया जाएगा। 

क्या कहते हैं निगमायुक्त

कुछ योजनाएं शहर में शुरू हो गई हैं और कुछ योजनाओं पर काम चल रहा है। जबकि एक महती योजना तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजी गई है। यदि स्वीकृति मिल जाती है तो छपरा नगर के लिए काफी बेहतर होगी। 

छपरा से संजय भारद्वाज की रिपोर्ट

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