CHHAPRA : बिहार में प्रमुख जेलों में शामिल बेऊर जेल को लेकर अक्सर यह बात की जाती है कि यहां सजा काट रहे कैदियों को कई प्रकार की सुविधा दी जाती है. जो यह एहसास नहीं होने देती है कि वह जेल में है। हालांकि पिछले कुछ सालों में बेऊर जेल प्रशासन ने इस छवि को तोड़ने की कोशिश की है। लेकिन इन सबके बीच छपरा जेल से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है। जिसमें कैदी जिस प्रकार से आराम फरमाते नजर आ रहे हैं. उसे देखने के बाद ऐसा लगता है कि वह जेल में नहीं बल्कि किसी होस्टल में मौजूद हैं। अब यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसके बाद जेल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। वहीं मामले को गंभीरता से लेते हुए सारण एसपी ने जेल अधीक्षक को जांच के आदेश दिए हैं।
हालांकि यह अभी जो वीडियो वायरल हुआ है इसमें कैदियों द्वारा अपने परिवार वालों से बात करने की बात बताई जा रही है। वास्तविकता क्या है यह तो जांच के बाद ही समय सामने आएगा। बहरहाल सवाल उठने लगा है आखिर में जेल के अंदर मोबाइल गया तो कैसे गया। जबकि जेल में जैमर लगाए गए हैं । साथ ही इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि जब कैदियों के पास इतनी आसानी से मोबाइल उपलब्ध है तो जेल की व्यवस्था किस हद तक सुरक्षित है। साथ ही ना ही छपरा के नागरिक सुरक्षित है । साथ ही यदि कोई अपराधिक घटनाएं छपरा में होती है तो उसमें जेल के अंदर से ही साजिश रचने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
इस संबंध में सारण एसपी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली है कि कुछ वीडियो वायरल हुए हैं इसकी जांच के लिए जेल अधीक्षक को आदेश दिया गया है जांच में एक मोबाइल बरामद हुआ है आगे की कार्रवाई की जा रही है। जबकि तस्वीरों में ही तीन कैदियों को अलग अलग फोन पर बात करते देखा जा सकता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा जांच के नाम पर जेल प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति कर रही है।
नोट - न्यूज4नेशन इन तस्वीरों की पुष्टि नहीं करती है, यह सिर्फ वायरल वीडियो के आधार पर प्रकाशित की गई है।