पटना... बिहार में छठ पूजा को लेकर हर तरफ भक्तिमय माहौल बन चुका है। चार दिनों तक चलने वाले पर्व का आज दूसरा दिन है और आज खरना अनुष्ठान है। छठ पूजा बुधवार को ही नहाय खाय के साथ शुरू हो गया। वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने पर्व को काफी सतर्कता के साथ मनाने की अपील की है, जिसके लिए राज्य सरकार ने गाइडलान भी जारी कर दिया है। जिसमें 60 साल से अधिक व 10 साल से कम उम्र के लोगों को नदी घाटों पर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। दूसरी तरफ बिहार के हर जिलों में अतिरिक्त फोर्स की भी व्यवस्था की गई है।
शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण अंचलों में भक्ति की धारा बह निकली है। घर-घर में छठ मैया के गीत गुंजमाय हो रहे हैं। गुरुवार यानी आज खरना अनुष्ठान है, जबकि शुक्रवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। शनिवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा।
12 ज्योतियों की ऊर्जा से लाभान्वित होने के लिए छठवर्ती सूर्य उपासना के एक दिन पूर्व खरना मनाते हैं। इस दिन छठवर्ती दिन भर उपवास करती हैं तथा पान व सुपारी हाथ में लेकर स्नान करती हैं। खरना के दिन ही षष्ठी देवी का आह्वान किया जाता है।
खरना के दिन अधिकांश घरों में खासकर छठवर्ती के घरों में गुड़, अरवा चावल व दूध से मिश्रित रसिया बनाए जाते हैं। देर शाम को रसिया को केले के पत्ते में मिट्टी के ढकनी में रखकर मां षष्ठी को भोग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मां षष्ठी एकांत व शांत रहने पर ही भोग ग्रहण करती हैं, इसीलिए मां षष्ठी को एकांत में ही भोग लगाया जाता है। इस महापर्व में भगवती षष्ठी एवं प्रकाश के देवता भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की जाती है। इस पर्व को सारे जाति के लोग बड़े ही आस्था के साथ मनाते हैं।
छठ महापर्व को देखते हुए बिहार के सभी जिलों में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। पुलिस मुख्यालय ने अपने स्तर से सुरक्षा के हर स्तर पर इंतजाम किए हैं। सभी जिलों में अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दिए गए हैं। बीएमपी और स्टेट रैपिड एक्शन फोर्स (एसआरएएफ) की 50 से ज्यादा कंपनी फोर्स सभी जिलों में तैनात कर दी गई है।