News4Nation: रविवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ सूर्योपासना और लोक आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो गया। छठ व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। व्रतियों ने छठी मइया का प्रसाद खाकर 36 घंटे का उपवास तोड़ा। घाटों पर लोगों को छठी मइया का प्रसाद दिया गया।
राजधानी पटना समेत बिहार के सभी जिलों में छठ घाटों पर भगवान भास्कर की पूजा के लिए आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। हजारों श्रद्धालु अपने घर से दंडवत करते हुए छठ घाट तक पहुंचे और भगवान सूर्य की पूजा की। जो लोग गंगा या पवित्र नदियों में बने छठ घाटों पर नहीं जा सके, उन्होंने घर के पास तालाब या गड्ढे बनाकर उसमें खड़े होकर भगवान सूर्य की पूजा की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सूर्य को अर्घ्य दिया और राज्यवासियों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की।
लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ का आज अंतिम दिन है। आज प्रात:कालीन अर्घ्य दिया गया। पर्व के तीसरे दिन शनिवार को व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके पहले गुरुवार को नहाय-खाय व शुक्रवार को खरना की पूजा हुई। प्रात:कलीन अर्घ्य के साथ छठ पर्व समाप्त हो गया है। अब लोग घाटों से घर लौट रहे हैं।
घाटों पर थे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
महापर्व छठ शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न हो, इसके लिए जिला प्रशासन और पटना पुलिस की ओर से पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। शहर को 21 सेक्टरों में बांटकर विभिन्न घाटों पर 346 मजिस्ट्रेट, 2000 पुलिस पदाधिकारी और 3000 पुलिस जवानों को लगाया गया था। इसके अलावा सादे वर्दी में भी पुलिसकर्मी घाटों पर तैनात थे।