NEWS4NATION DESK : झारखंड में झामुमो ने कांग्रेस से साथ मिलकर भले ही सरकार बना ली है, लेकिन मंत्री पद और विभाग को लेकर उनके बीच आपसी सहमति नहीं बन पा रही है।
विभागों के बंटवारे को लेकर सीएम हेमंत सोरेन पिछले चार दिनों से दिल्ली में थे। मिल रही जानकारी के अनुसार दिल्ली में कांग्रेस से बातचीत के दौरान भी इस मसले का हल नहीं निकल पाया है। झामुमो और कांग्रेस के बीच विभागों के बंटवारे पर बात अटक गई है।नई दिल्ली में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस नेताओं के बीच बातचीत में भी कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका।
बताया जा रहा है कि अब 17 जनवरी को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ पार्टी के सभी 16 विधायकों की मुलाकात होगी, उसके बाद दोनों दलों के नेता फिर से साथ बैठेंगे और कैबिनेट विस्तार पर मुहर लगाएंगे।
राजधानी लौटे सीएम हेमंत सोरेन
इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चार दिन के नई दिल्ली प्रवास के बाद बुधवार की शाम रांची लौट आए। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंत्री पद की संख्या और विभागवार प्रस्ताव कांग्रेस नेताओं को सौंप दिया है। इस पर कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी का संदेश भी दिया गया है कि आरपीएन सिंह 18 जनवरी को आपस में विभागों के बंटवारे और संभावित मंत्रियों के नाम की सूची लेकर रांची आएंगे। इसपर अंतिम सहमति बन सकती है।
इस मामले पर अटकी है बात
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएम हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल विस्तार में विभागों के बंटवारे का विशेषाधिकार चाह रहे हैं। वे अपने पास वित्त, कार्मिक, कैबिनेट, गृह और विधि विभाग रखना चाह रहे हैं। वहीं दूसरे विभाग झामुमो, कांग्रेस और राजद में बांटने की बात है। इसका प्रस्ताव कांग्रेस आलाकमान को दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस इस पर सीधे तैयार नहीं हो रही है। उधर, कांग्रेस का तर्क है कि अगर राज्य के खजाना पर अधिकार झामुमो का रहे तो विधि व्यवस्था देखने का अधिकार उसे मिलना चाहिए।