बेतिया. कहा जाता है कि धरती पर भगवान कोई है तो वह डाक्टर है. पर वहीं डॉक्टर लापरवाही बरते और उसके इस लापरवाही से किसी की जान चली जाय तो क्या कहा जाय. ऐसे ही एक मामला सामने आया है, यहां डॉक्टर की लापरवाही से एक मां का गोद सुना हो गया. यह घटना आज नई नहीं है. इस तरह की घटना बेतिया के सबसे बडे़ सरकारी मेडिकल अस्पताल सह चिकित्सा महाविद्यालय में होते रहता है. आये दिन तोड़फोड़ भी होता है और अंत में पुलिस और वरीय अधिकारियों के आने पर यह आश्वासन मिलता है, जांच कर कार्रवाई की जायेगी पर होता है ढाक के तीन पात.
आज बेतिया मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में डायरिया के इलाज कराने आये शिव कुमार की डॉक्टर की लापरवाही से जान चली गई. परिजन का कहना है कि रात 2 बजे जीएमसीएच इलाज के लिए बच्चे को लाया था. इस दौरान हॉस्पिटल स्टाफ एवं डॉक्टर सोये हुए थे. उन्हें जगाने पर डॉक्टर ने कहा कि इलाज होगा. नाम पता लिखवा दो. इस पर परिजनों ने कहा कि इलाज तो हो जाए सर पहले. इस पर डॉक्टर कहते है डॉक्टर मैं हूं कि तुम हो. उसके बाद परिजन चुप हो जाते हैं. इसके बाद डॉक्टर दवा लिखते हैं और कहते हैं कि इसे बाहर से लेकर आइये. इसके बाद परिजन लेकर देते हैं. इस बीच दवाई देने के बाद डॉक्टर चले जाते हैं. सुधार नहीं होने के कारण डॉक्टर से परिजन संपर्क करना चाहते हैं, तो डॉक्टर कहता है ज्यादा परेशान करोगे तो रेफर कर देंगे.
वहीं समय दर समय बच्चे की तबियत बिगड़ती जाती है और अस्पताल का कोई भी कर्मी एक्शन में नहीं आते हैं. जब परिजन सिस्टर के पास जाते हैं तो सिस्टर कहती हैं, मै क्या करूं नीचे जाकर इमरजेंसी में सूचित करें नीचे जाने पर भी कोई डॉक्टर मौजूद नहीं रहते हैं. इस स्थिति में डॉक्टर की लापरवाही से शिव कुमार की मौत हो जाती है. इसके बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. आए दिन ऐसी घटना बेतिया जीएमसीएच में घटती रहती है. प्रशासन अधीक्षक , जिला के बड़े-बड़े अधिकारी यही कहते हैं रिपोर्ट लिखकर दे दो करवाई होगी, लेकिन अभी तक कोई भी डॉक्टर के ऊपर कोई भी करवाई नहीं हुई है और डॉक्टर बार-बार यह लापरवाही और यह मनचाहा काम करते हैं.