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13 साल के बच्चे ने पिता का दर्द देख खड़ी की कंपनी, 100 करोड़ कमाने का टारगेट

13 साल के बच्चे ने पिता का दर्द देख खड़ी की कंपनी, 100 करोड़ कमाने का टारगेट

माता-पिता अपने बच्चों का पेट पालने के लिए क्या कुछ नहीं करते। अपना पेट काट कर हमारे पालन-पोषण में लग जाते हैं. ऐसे में हम अगर कुछ भी अपने माता-पिता के लिए करें तो वो कम होगा, लेकिन कोशिश जरूर करनी चाहिए और ऐसी ही एक कोशिश तिलक मेहता ने की. जब पिता डब्बे देकर घर लौटते तो बच्चे को उनकी ये हालत देखी नहीं जाती और इसे बदलने की रह पर चल पड़ा 13 साल का तिलक मेहता।

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तिलक अपने पिता की मदद करने की ठानी और एक स्टार्टअप पेपर्स एंड पार्सल्स (पीएनपी) नाम से लॉजिस्टिक्स कंपनी खोल दी। एक इंटरव्यू में तिलक ने बताया कि 'कई बार मुझे किताबों की जरूरत पड़ती थी तो पिताजी को दिनभर के कामों से थके देखकर उन्हें कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था। यहीं से यह आइडिया आया कि मुंबई शहर के अंदर 24 घंटे में छोटे पार्सल कैसे पहुंचाएं जाएं।'

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तिलक मेहता का लक्ष्य साल 2020 तक 100 क्रॉस रूपये कमा लेना है। साथ ही लॉजिस्टिक्स के बाजार में उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 20 फीसदी हो जाए और बिज़नेस भी बड़ा हो जाए. 

तिलक ने स्टार्टअप शुरू करने का ये आइडिया एक बैंक अधिकारी घनश्याम पारेख को बताया तो उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ तिलक के साथ ही जुड़ गए और कंपनी में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के तौर पर काम करने लगे. 

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कंपनी में फिलहाल 200 कर्मचारी काम कर रहे हैं साथ ही 300 से ज्यादा डिब्बावाले भी जुड़े हुए हैं। डिब्बावालों की मदद से कंपनी हर होज 1200 से ज्यादा पार्सल डिलीवर कर रही है। पीएनपी फिलहाल अधिकतम 3 किलो तक के ही पार्सल स्वीकार कर रही है जिसका शुल्क 40 से 180 रुपये तक होता है. 

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