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बाल तस्करी - मदरसा में पढ़ाने के बहाने ले जा रहे थे दूसरे शहर, ट्रेन से उतारे गए 17 बच्चे , 11 तस्कर गिरफ्तार

बाल तस्करी -  मदरसा में पढ़ाने के बहाने ले जा रहे थे दूसरे शहर, ट्रेन से उतारे गए 17 बच्चे , 11 तस्कर गिरफ्तार

KATIHAR : कोरोना काल के रफ्तार धीमी होते ही एक बार फिर बाल व्यपार से जुड़े मामला तेजी से सीमांचल के इलाकों में बढ़ते जा रहा है, पहले से ही गरीबी और अशिक्षा के चलते इस इलाके के छोटे बच्चों को मानव तस्कर अलग-अलग बहाने से अन्य प्रदेशों में ले जाते रहे हैं लेकिन इस बार जो मामला सामने आया है पकड़े गए तस्करों का कहना है कि वह इन बच्चों को अन्य प्रदेशों को मदरसा में पढ़ाने के लिए ले जा रहे हैं, देश में कोरोना बंदी के बीच तमाम तरह के पठन-पाठन संस्था बंद रहने के बीच इस दावे पर रेल पुलिस ने शक के आधार पर 17 बच्चे सहित 11 दलालों को भी गिरफ्तार किया है, "मदरसों में शिक्षा देने के नाम पर बिकता बचपन" का क्या है बाल व्यपार का यह नया मॉडल पर कटिहार से एक खास रिपोर्ट.....

बिहार के सीमांचल का चार जिला कटिहार,पूर्णिया, किशनगंज और अररिया अक्सर गरीबी और अशिक्षा के कारण वाल तस्करों का गोल्डन ज़ोन रहा है, बाल मजदूरों को रोजगार देने के बहाने से माता-पिता को कुछ रकम दे कर परदेस ले जाने का मामला इस क्षेत्र के बाल व्यपार से जुड़ा पुराना मॉडल रहा है, ऐसा कई मामले अक्सर सीमांचल के महत्वपूर्ण जंक्शन कटिहार से आते रहा है। एक बार फिर कटिहार रेल आरपीएफ और जीआरपी ने मिलकर ऐसे ही एक बड़ा गिरोह का खुलासा करते हुए 17 बच्चे के साथ 11 तस्करों को गिरफ्तार किया है।  इसके अलावा विशेष अभियान के तहत पकड़े गए कई बच्चों को साथ में कोई नहीं होने के हालात पर पुण उनके परिजनों को हवाले कर दिया गया है।

बदल दिया काम करने का तरीका

 इस बार पकड़े गए तस्करों से जो खुलासा हुआ है उसमें यह लोग अपने पुराना मॉडल में कुछ बदलाव किया है और अब यह लोग नजदीकी रिश्तेदार या गांव के परिचित होने की दावा करते हुए अन्य प्रदेशों के मदरसा में बेहतर शिक्षा देने की बहाने से इन बच्चों को परदेस ले जा रहे हैं। पकड़े गए तस्कर अपने खुलासे में अब अपने आप को पाक साफ बताने के लिए इसी तरह का बहाना बना रहे हैं। जबकि सीडब्ल्यूसी के पूर्व सदस्य और बाल शोषण जैसे मुद्दे पर वर्षों से काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता राजेश सिंह कहते हैं इसमें कहीं कुछ सच नहीं रहता है, देशभर में पठन-पाठन की संस्था बंद रहने के हालात में अन्य प्रदेशों के मदरसों में ऐसे बच्चों की ले जाने की बात अपने आप में भ्रमक है, उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा मामला भी सामने आया है। जिसमें इन तस्करों का गिरोह बहाना बनाकर स्थानीय स्तर पर सीडब्ल्यूसी का  सर्टिफिकेट भी लेने आया है ताकि अन्य प्रदेशों में ले जाने के दौरान ट्रेन या बस में कोई समस्या ना हो फिलहाल वह इन समस्याओं के निदान के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दे रहे हैं।

कटिहार रेल जीआरपी इंस्पेक्टर ने कहा कि कटिहार रेल मंडल वाल व्यपार पर अंकुश लगाने के लिए लगातार अभियान चला रहा है, इसी कड़ी में विशेष अभियान के तहत 17 बाल मजदूर सहित 11 दलाल को गिरफ्तार किया गया है,जो इन बच्चों को काम के या अन्य वाहनों से परदेस लेकर जा रहे थे अब आगे इन लोगों पर विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी।

बिहार के सीमांचल इलाकों में बड़ी संख्या में मदरसा होने के बावजूद पठन-पाठन को लेकर इस क्षेत्र के बच्चों को लॉकडाउन के बावजूद अन्य प्रदेशों के मदरसा में शिक्षा लेने  के लिए भेजने की बात कहीं न कहीं भ्रमक तो है हालांकि बाल मजदूरी से जुड़े ट्रेंड के लिए यह बहाना नया जरूर हो सकता है मगर एक चीज तो साफ है पहले की तरह आज भी  इस क्षेत्र के मजबूरी और अशिक्षा के नाम पर बचपन बिकाऊ है और कोरोना काल के बाद एक बार फिर बाल तस्करों के लिए यह इलाका सॉफ्ट टारगेट बनता जा रहा है।

श्याम की खास रिपोर्ट


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