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राज्यसभा की सीट छीने जाने के बाद चिराग ने साधा BJP पर निशाना,कहा-बगैर स्टार प्रचारकों के अपने दम पर जीता 1 सीट

राज्यसभा की सीट छीने जाने के बाद चिराग ने साधा BJP पर निशाना,कहा-बगैर स्टार प्रचारकों के अपने दम पर जीता 1 सीट

पटनाः चिराग पासवान चले थे बिहार का किंगमेकर बनने और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जेल भेजने, लेकिन जनता ने सुप्रीमो को वास्तविक हैसियत में ला दिया।वोटरों ने चिराग पासवान को न घर का छोड़ा न घाट का। जिस सलाहकार के बूते चिराग पासवान नीतीश कुमार को जेल भेजने की भविष्यवाणी कर रहे थे, सारी भविष्यवाणी धरी की धरी रह गई।अब तो चिराग पासवान और पार्टी के नेताओं को बीजेपी के समक्ष गुहार लगाना और घिघियाना भी काम नहीं आया। चिराग पासवान राजनीति के ऐसे नेता साबित  हुए जो अपने पिता के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा की सीट अपने पाले में नहीं रख सके. इसी के साथ मां को राज्यसभा भेजने का सपना पूरा नहीं हो सका। नीतीश कुमार के दबाव में बीजेपी ने चिराग का साथ छोड़ दिया। अपने आप को पीएम मोदी का कथित हनुमान बताने वाले चिराग पासवान को बीजेपी ने भी वास्तविक हैसियत में ला खड़ा किया। इसके बाद बिना नाम लिये चिराग पासवान ने बीजेपी पर भी बड़ा हमला बोला है।

चिराग ने बिना नाम लिये बीजेपी पर कसा तंज

लोजपा की स्थापना दिवस पर पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में चिराग पासवान की खीझ साफ-साफ दिख रही थी। पिता के निधन से खाली हुई राज्यसभा की सीट नहीं मिलने की बौखलाहट बीजेपी के कथित हनुमान चिराग पासवान के पत्र में दिख रही थी। लिहाजा बिना नाम लिये लोजपा सुप्रीमो ने भाजपा पर अटैक किया। चिराग ने लिखा कि बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने अकेले 135 प्रत्याशी मैदान में उतारे. चिराग पासवान ने 2015 में बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरने से भी नाराज दिखे. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि  लोक जनशक्ति पार्टी गठबंधन के साथ मिलकर लड़ी लेकिन सिर्फ 2 सीटें जीत पाई.  इस चुनाव में 1 सीट का नुकसान हुआ लेकिन 24 लाख वोट मिले. भाजपा का नाम लिए तेजस्वी ने लिखा है कि बिना गठबंधन और स्टार प्रचारकों की फौज के अपने दम पर बिहार में 24 लाख वोट हासिल करना मायने रखता है।  

अपने नेताओं को किया था आगे

बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू कैंडिडेट को हराने का काम करने वाले चिराग पासवान की पार्टी के नेता रामविलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा की सीट पर उऩकी पत्नी व चिराग  की मां रीना पासवान को राज्यसभा भेजने की गुहार लगा रहे थे। पार्टी के महासचिव "कैफी" ने बजाप्ता प्रेस रिलीज जारी कर प्रधानमंत्री से गुहार लगाई थी कि रीना पासवान को राज्यसभा भेजकर पीएम मोदी रामविलास पासवान को सच्ची श्रद्धांजलि दें। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। लोजपा नेता सार्वजनिक तौर पर भी गुहार लगाना कामयाब नहीं हो सका। इस तरह से चिराग पासवान की मंशा एक बार फिर से विफळ हो गई और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी पासवान के निधन से खाली हुई सीट के लिए उम्मीदवार घोषित हो गए।

नीतीश के सहयोग से पासवान भेजे गए थे रास

बता दें, 2019 लोकसभा चुनाव के बाद रामविलास पासवान को राज्यसभा भेजा गया था। पासवान को राज्यसभा बीजेपी और जेडीयू के सहयोग से भेजा गया था।नीतीश कुमार कई बार यह कह चुके हैं कि रामविलास पासवान अगर राज्यसभा सांसद बने थे तो उसमें जेडीयू का ही सहयोग था। यह चिराग पासवान को नहीं भूलना चाहिए। लेकिन रामविलास पासवान के विधऩ के बाद जेडीयू किसी कीमत पर एनडीए के अंदर लोजपा को यह सीट देने को तैयार नहीं हुई। चिराग पासवान पूरी तरह से कोशिश में थे कि भाजपा के समक्ष गिड़गिड़ा कर सीट ले ली जाए। लेकिन नीतीश कुमार के सख्त रूख के बाद चिराग की मंशा कामयाब नहीं हुई।


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