पटना. ब्राह्मणों के लिए अमर्यादित टिप्पणी कर विवादों में घिरे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को लोजपा नेता चिराग पासवान ने खूब खरी खोटी सुनाई है. रविवार को संवाददातों से बात करते हुए चिराग ने कहा कि मांझी का बयान पूरी तरह से अमर्यादित है. उन्हें मर्यादाओं का ध्यान रखने के साथ ही अपनी गरिमा के अनुरूप कुछ भी बोलना चाहिए.
उन्होंने कहा, मांझी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उन्होंने राज्य की कमान संभाली है. उन्हें बाँटने की राजनीति नहीं करनी चाहिए. धर्म के मुद्दों पर हर व्यक्ति की अपनी निजी आस्था होती है. मांझी का भी धर्म को लेकर व्यक्तिगत मत रह सकता है, वे मानें या न मानें यह उनकी निजी आस्था का विषय है. लेकिन बहुसंख्य लोगों की भावनाओं को वे आहत नहीं कर सकते.
चिराग ने कहा कि बिहार के राजनेता बाँटने की राजनीती करते हैं. वे जाति और मजहब के नाम पर लोगों को बांटते हैं. जबकि समाज सिर्फ अमीरी और गरीबी में बंटा है, इसे मिटाया जाना चाहिए. जो लोग उंच नीच की बात करते हैं उन्हें इससे हटकर अमीरी और गरीबी के भेद को मिटाना चाहिए.
नीतीश कुमार की सरकार से समर्थन वापस लेने के मांझी के बयान पर चिराग ने कहा कि इससे साबित होता है कि राजग में वैचारिक समानता नहीं है. सत्ता का सुख पाने के लालच में बिहार के सत्ताधारी दल के नेता फंसे हैं. उन्हें बिहार की चिंता नहीं है बल्कि वे सिर्फ सत्ता सुख के लिए एकदूसरे के साथ गठबंधन किए हैं.