पटना : बिहार विधानसभा के गहमागहमी के बीच एनडीए के भभक रहे चिराग आज कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. लोजपा चीफ चिराग पासवान में आज संसदीय दल की बैठक बुलाई है. अपने नेताओं के साथ आज अहम में यह फैसला हो सकता है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव जदयू के खिलाफ लड़ा जाए या नहीं.
बिहार में सत्ताधारी एनडीए गठबंधन में जदयू और लोजपा की बीच चल रहा तनातनी किसी से छिपी नहीं हैं. चिराग पासवान ने विज्ञापन छपवाकर अपनी लाइन क्लीयर कर दिया है. चिराग पासवान लगातर सीएम नीतीश को चुनौती दे रहे हैं इसी सिलसिले में आज की बैठक से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर फिर निशाना साधते हुए कहा कि मारे गए अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के लोगों के परिजन को सरकारी नौकरी देने का उनका फैसला 'और कुछ नहीं, बल्कि चुनाव संबंधी घोषणा' है.
सीएम नीतीश कुमार को लिखे एक खत में चिराग पासवान ने उन पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों से पूर्व में किये गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया. इन वादों में उन्हें तीन डिसमिल जमीन देने का भी जिक्र था. एलजेपी अध्यक्ष ने कहा, नीतीश कुमार की सरकार अगर गंभीर थी, तो समुदाय के उन सभी लोगों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देनी चाहिए थी, जो उनके 15 साल के शासन के दौरान मारे गए.
वहीं महागठबंधन को छोड़ नीतीश के सिपाही बने मांझी भी अपनी भूमिका बखूबी निभा रहे हैं. मांझी जानते हैं कि उनकी एंट्री जदयू ने एनडीए में क्या करवाई है. इसलिए मांझी चिराग से लेकर लालू यादव तक पर हमलावर रुख अपनाए हुए हैं. अब देखना है कि भभक रहे चिराग आज क्या फैसला लेते हैं. चिराग के फैसले से बिहार की सियासत में बड़ा उलटफेर होने की बात कही जा रही है.