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गंगा तटीय क्षेत्र को जैविक खेती का हब बनाएगा चिरांद विकास परिषद, मिलेगी सब्सिडी

गंगा तटीय क्षेत्र को जैविक खेती का हब बनाएगा चिरांद विकास परिषद, मिलेगी सब्सिडी

सारण. कोरोना महामारी के बाद देश मे जैविक उत्पादों की मांग बढ़ गई है. देशभर जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकारें कई तरह से किसानों को सहयोग कर रही है. इसी कड़ी में सारण जिले में चिरांद पंचायत के दयालचक गांव में चिरांद विकास परिषद और गंगा समग्र के द्वारा किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. इसको लेकर मंगलवार को एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें किसानों को जैविक खेती के फायदे बताए गए. इस दौरान प्रशिक्षकों ने कहा कि सरकार भी कह रही है कि नदियों के किनारे जैविक खेती किया जाए, इससे किसानों को फसल उगाने में कीमत भी कम लगेगी और उत्पाद भी लाभकारी होगा.

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए चिरांद विकास परिषद द्वारा स्थानीय किसानों को प्रायोगिक तौर पर देशी गाय पर सब्सिडी उपलब्ध कराया जाएगा. यानी जो किसान जैविक खेती करेंगे, उन्हें देशी गाय खरीदने के लिए कीमत का 50 प्रतिशत वहन चिरांद विकास परिषद करेगा. साथ ही किसानों के गाय के दूध को अन्य डेयरी की तुलना में उचित कीमत पर खरीदा जाएगा, इसके लिए सहकारी समिति का गठन होगा.

एकदिवसीय कार्यशाला से प्रभावित होकर पंचायत के सैंकड़ों किसानों ने रसायनयुक्त खेती छोड़कर जैविक खेती करने का प्रण लिया है. इसके लिए 6-6 लोगों की एक टीम बनाई गई है, कुछ दिनों  के प्रशिक्षण के बाद इन किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र में विशेष प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा.गौरतलब है कि ग्राम विकास परिषद गंगा समग्र तथा श्रमजीवी पत्रकार संघ के बैनर तले सदर प्रखंड के दयालचक में पिछले 1 सप्ताह से सामुदायिक रसोई चलाई जा रही थी. उसी करी के अंतर्गत किसानों को जैविक खेती देशी गाय पालन आदि के गुर भी बताए गए.

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