पटना... बिहार में चुनाव के दौरान मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपिक) में मामूली त्रुटियों के बावजूद मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। पहले चुनाव के दौरान पीठासीन पदाधिकारी के द्वारा ईपिक में नाम, माता-पिता, पति या पता, लिंग और आयु में मामूली त्रुटियों के कारण मतदाताओं को मतदान से वंचित कर देते थे।
लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने इसे संज्ञान में लिया है और सभी ऐसे मतदाता, जिनके ईपिक में मामूली त्रुटियां रह गयी हो, उन्हें मतदान में शामिल करने का निर्णय लिया है। चुनाव आयोग ने ईपिक में मतदाता के नाम, माता-पिता, पति या पता, लिंग और आयु में मामूली त्रुटियों को नजरअंदाज करने को कहा है। इस संबंध में निर्वाचन विभाग के अपर मुख्य सचिव बाला मुरुगन डी. ने निर्देश जारी कर दिया है।
निर्वाचन विभाग के अपर मुख्य सचिव बाला मुरुगन डी के अनुसार मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपिक) में मामूली त्रुटियों को नजरअंदाज कर देनी चाहिए। मतदाता को मतदान करने की अनुमति दी जा सकती है, बशर्ते मतदाता की पहचान फोटो पहचान पत्र से सुनिश्चित की जा सके। यह 22 अक्टूबर को होने वाले बिहार विधान परिषद के स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की आठ सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर लागू हो जाएगा। निर्देश के अनुसार इस चुनाव को लेकर मतदाताओं की व्यक्तिगत पहचान अनिवार्य है। मतदाता की व्यक्तिगत पहचान स्थापित होने के पश्चात ही मतदान करने की अनुमति दी जाएगी।
परिषद चुनाव को लेकर नौ वैकल्पिक दस्तावेजों का हो सकता है प्रयोग
निर्वाचन विभाग के अनुसार विधान परिषद के चुनाव में व्यक्तिगत पहचान के लिए भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा नौ वैकल्पिक दस्तावेजों की सूची जारी की गई है।
1. आधार कार्ड
2. ड्राइविंग लाइसेंस
3. पैन कार्ड
4. भारतीय पासपोर्ट
5. राज्यध्केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम, स्थानीय निकाय या निजी औद्योगिक घराने द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए सेवा पहचान पत्र।
6. सांसदों, विधायकोंध् विधान परिषद सदस्यों को जारी सरकारी पहचान पत्र।
7. शैक्षणिक संस्थानों, जिसमें संबंधित शिक्षकध् स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का निर्वाचक कार्यरत है, द्वारा जारी किये गये सेवा पहचान पत्र।
8. विश्वविद्यालय द्वारा जारी डिग्रीध् डिप्लोमा प्रमाण-पत्र,मूल में।
9. सक्षम प्राधिकार द्वारा दिव्यांग को जारी प्रमाण पत्र, मूल में।