पटना... बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू को खास सफलता नहीं मिली, जिसकी उन्हें उम्मीद थी। जेडीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार ने इस आंकड़े को बेहतर करने के लिए जिम्मेदारी खुद संभाल ली है। उन्होंने अब अपने मंत्रियों व पार्टी के पदाधिकारियों से लेकर कार्यकर्ताओं तक से कहा है कि जनता के बीच जाएं और उनसे संवाद कायम करें। पार्टी को चुनाव में मिली करारी हार के बाद मंथन के बाद ये निष्कर्ष निकाला है कि जनता से दूरी के कारण उनकी पार्टी को सही बहुमत नहीं मिला। अब वो इसे दूर करने के प्रयास में जुट गए हैं।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक साथ दो मोर्चों पर काम कर रहे हैं। उन्हें पब्लिक को नई सरकार के कार्यकलापों का बेहतरीन अहसास तो कराना ही है, साथ में पार्टी और संगठन को और धारदार और प्रभावकारी बनाने का बड़ा टास्क भी है। शनिवार की देर शाम नीतीश, पार्टी कार्यालय पहुंचे, वहां पहले से मौजूद नेताओं कार्यकर्ताओं से बात की।
उन्होंने विधानसभा चुनाव में हारे नेताओं से कहा-’इलाके में नए सिरे से जुटें। नीतीश से मिलने पहुंचे नेता, कार्यकर्ताओं में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा, रंजू गीता आदि भी थीं। कुछ ने हार के कारण बताए, तो कई से नीतीश ने विधानसभा चुनाव का फीडबैक लिया। करीब घंटे भर की पूरी बातचीत कमोबेश इसी लाइन पर हुई कि कैसे पार्टी को नए सिरे से और धारदार बनाया जाए; संगठन कैसे और मजबूत और असरदार हो?
अपने-अपने इलाके में लगातार घूमते रहिए। लोगों से बात कर उनकी तथा इलाके की समस्याओं और उनके कारणों को जानिए, उसके समाधान में कोई कसर नहीं छोड़िए। संसदीय लोकतंत्र में हार-जीत का सिलसिला तो चलता ही रहता है। मूल बात है जनता की समस्याओं से गंभीर सरोकार जताकर उसका समाधान कराना।
इस दौरान जदयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) आरसीपी सिंह, संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, प्रदेश जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष सह मंत्री डॉ. अशोक चौधरी, मंत्री विजय कुमार चौधरी आदि भी मौजूद थे।