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एक ही 'कुल व फूल' वाले नेताओं में भिड़ंत ! फायर ब्रांड 'माननीय' ने बौद्धिक ब्रांड MP पर की अपशब्दों की बौछार, पुरानी पार्टी के 'प्रमुख' के सामने हुआ सबकुछ

एक ही 'कुल व फूल' वाले नेताओं में भिड़ंत ! फायर ब्रांड 'माननीय' ने बौद्धिक ब्रांड MP पर की अपशब्दों की बौछार, पुरानी पार्टी के 'प्रमुख' के सामने हुआ सबकुछ

PATNA:  बात हफ्ते भर पुरानी है पर हमसबों के लिए जानना बहुत ही जरूरी है. खबर जानना इसलिए भी जरूरी है कि अपने आप को सबसे अलग कहने वाली पार्टी के दो नेताओं में सार्वजनिक जगह पर भिड़ंत हो गई। इससे भी खास यह कि झगड़ा देश की सबसे पुरानी पार्टी के राज्य प्रमुख के सामने हुआ. इससे भी महत्वपूर्ण यह की जिस पुरानी पार्टी को वो दोनों नेता सुबह से लेकर शाम तक मजाक उड़ाते थकते नहीं, उसी पार्टी के हाल ही में राज्य प्रमुख बने शख्स ने बीच बचाव कर मामले को शांत कराया. 

एक इलेक्टेड तो दूसरे हैं सेलेक्टेड 

हम बात कर रहे हैं एक ही 'कुल' के दो नेताओं की. दोनों नेता 'फूल' से ताल्लुक रखते हैं. वैसे तो दोनों दिल्ली से जुड़े हैं, लेकिन राज्य के अंदर एक ही जिले से आते हैं. एक को पार्टी का फायर ब्रांड नेता कहा जाता है तो दूसरे को दल-संगठन का बौद्धिक ब्रांड के रूप में मान्यता है. एक नेता इलेक्टेड हैं तो दूसरे सेलेक्टेड. यानि एक ऊपरी सदन के सदस्य तो दूसरे निचले सदन के हैं. एक को देश का बड़ा विभाग चलाने की जिम्मेदारी है तो तो दूसरे को पार्टी-संगठन की बात रखने का जिम्मा है. 

एयरपोर्ट के वीआईपी लाउंज में अपशब्दों की बौछार 

कुछ दिन पहले एक ही कुल के दोनों नेता हवाई जहाज के इंतजार में वीआईपी लाउंज में बैठे थे. दोनों को अपने गृह राज्य से देश की राजधानी जाना था. बड़े विभाग से जुड़े माननीय अपने सांसद महोदय पर उखड़े हुए थे. अचानक पुरानी पार्टी के राज्य प्रमुख की इंट्री होती है. संयोग देखिए पुरानी पार्टी के राज्य प्रमुख भी इन्हीं दोनों के 'कुल' के थे. जैसे ही पुरानी पार्टी के प्रमुख ने फूल व कुल वाले दोनों नेताओं को सामने देखा, वे एकजुटता की तारीफ करने लगे. बस क्या था....पहले से गरम फायर ब्रांड नेता और गरम हो गए. पहले तो हल्का डोज दे रहे थे. इस बार तो सीमा ही लांघ गए. फायर ब्रांड नेता ने बौद्धिक ब्रांड वाले नेता पर अपशब्दों की बौछार कर दी. बताया जा रहा कि असंसदीय शब्दों का भी जमकर इस्तेमाल किया. यह देख पुरानी पार्टी के प्रमुख क्षण भर के लिए अवाक रह गए. इसके बाद प्रमुख जी ने बीच बचाव किया. लेकिन तब तक फायर ब्रांड नेता जी मर्यादा की सारी सीमा लांघ चुके थे. 

काफी चर्चा में है फायर ब्रांड व बौद्धिक ब्रांड नेता के बीच का विवाद  

आखिर फायर ब्रांड नेता अपने इलाके से आने वाले बौद्धिक ब्रांड वाले नेता से इतने खफा क्यों हैं? दोनों माननीय हैं फिर इतनी प्रतिस्पर्द्धा क्यों...। हमने जब इसका कारण तलाशा तो पता चला कि बौद्धिक ब्रांड वाले नेता फायर ब्रांड वाले नेता के संसदीय क्षेत्र में ज्यादा दिलचस्पी लेने लगे हैं. लिहाजा फायर ब्रांड वाले नेता अपने लिए खतरे के रूप में देख रहे. बताया जाता है कि दोनों में मनमुटाव की शुरूआत 2019 लोस चुनाव के समय से ही शुरू हो गई थी. क्षेत्र के एक बहुप्रतिक्षित पुल को लेकर भी दोनों नेता आमने-सामने हो गए। बैद्धिक ब्रांड वाले नेता पुल निर्माण को लेकर किए गए प्रयास को भूनाने में जुट गए तो फायर ब्रांड वाले नेता को यह नागवार गुजरा. बताया जाता है कि यह भी एक बड़ा कारण है. वजह चाहे पुल हो या और कोई राजनीतिक कारण लेकिन दोनों के बीच का विवाद इन दिनों काफी चर्चा में है। वैसे बौद्धिक ब्रांड वाले नेता फायर ब्रांड नेता की इस बात को खुद ही प्रचारित करने में जुटे हैं. 


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