DESK: मोस्ट वॉन्टेड विकास दुबे को एसटीएफ ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया है. एसटीएफ की टीम उसे उज्जैन से लेकर कानपुर आ रही थी. इसी दौरान एसटीएफ की गाड़ी पलटती है और विकास दुबे पुलिस वालों के हथियार छीनकर भागने की कोशिश करता है. और इसी दौरान पुलिस जवाबी कार्रवाई करती है. जिसमें विकास दुबे मारा जाता है. एनकाउंटर के बाद से ही कई सारे सवाल उठ रहे हैं. क्युंकि पुलिस की तरफ से बताई गई एनकाउंटर की कहानी वास्तविकता से अलग दिख रही है. जिसके बाद हर कोई सच्चाई जानना चाह रहा है.
लोगों के कंफ्युजन को दूर करने के लिए एसटीएफ की ओर से आधिकारिक बयान जारी कर विकास दुबे की एनकाउंटर की पूरी कहानी बयां की गई है.कुख्यात विकास दुबे की एनकाउंटर के बाद एसटीएफ की ओर से आधिकारिक बयान जारी किया गया है. जिसमें ये लिखा गया है कि लखनऊ एसटीएफ की टीम डीएसपी तेजबहादुर सिंह के नेतृत्व में सरकारी गाड़ी से विकास दुबे को लेकर आ रही थी.
यात्रा के दौरान जनपद कानपुर नगर के सचेण्डी थाना क्षेत्रान्तगर्त कन्हैया लाल अस्पताल के सामने राष्ट्रीय राज्यमार्ग थाना सचेण्डी के पास पहुंचे ही थे कि अचानक भैंस का झुंड सामने आ गया. जिससे लंबी यात्रा के कारण थके हुए ड्राइवर ने इन जानवरों को बचाने के लिए अचानक से गाड़ी को मोड़ा तो गाडी अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गई. इस दौरान उसने एसटीएफ टीम के एक घायल अधिकारी का पिस्टल छीन लिया और कच्चे मार्ग के रास्ते भागने लगा. इस दौरान वह मारा गया.
हालांकि अब एनकाउंटर का ये मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है. तहसीन पूनावाला की ओर से NHRC में एनकाउंटर को लेकर शिकायत दर्ज की गई है. इस शिकायत में गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के अलावा उसके पांच साथियों के मारे जाने की बात शामिल की गई है.