DESK. कोरोना की तीसरी लहर के बीच देश के पांच राज्यों में चुनाव हो रहा है. इसमें पंजाब भी शामिल है. पंजाब में 14 फरवरी को चुनाव होने है. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव को टालने का अनुरोध किया है. इसके लिए उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को होने वाले को स्थगित कर दिया जाए और इसे कम से कम छह दिन के लिए टाला जाए.
इलेक्शन कमीशन को चन्नी का पत्र
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर चुनाव टालने का अनुरोध किया ह. उन्होंने पत्र में लिखा है ' 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती के मद्देनजर राज्य के अनुसूचित जाति समुदाय के कई लोगों के वाराणसी आने की संभावना कम से कम छह दिनों के लिए 14 फरवरी के राज्य विधानसभा चुनाव को स्थगित कर दें.'
सीएम चन्नी ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा को पत्र लिखकर पंजाब विधानसभा 2022 के लिए घोषित मतदान की तारीख को अनुरोध करते हुए इसके लिए श्री रविदास जयंती की तिथि का हवाला दिया है. उन्होंने लिखा है कि अनुसूचित जाति समुदाय के प्रतिनिधियों ने यह महत्वपूर्ण जानकारी दी है कि 16 फरवरी को गुरु श्री रविदास जी की जयंती है. इस मौके पर पंजाब से काफी संख्या में अनुसूचित जाति के लोग उत्तर प्रदेश के वाराणसी जाते हैं और यह वहां 10 से 16 फरवरी तक रहते हैं. यह संख्या करीब 20 लाख तक होती है.
सीएम चन्नी ने पत्र में बताया है कि पंजाब में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या करीब 32 प्रतिशत है. ऐसी स्थिति में 14 फरवरी को राज्य में मतदान हुआ तो इसका असर उस पर पड़ेगा. अनुसूचित जाति के प्रतिनिधियों का कहना है कि 14 फरवरी को मतदान होने की स्थिति में काफी संख्या में इस वर्ग के लोग मताधिकार का इस्तेमाल करने से वंचित रह सकते हैं.
चरणजीत सिंह चन्नी ने पत्र में लिखा है कि ऐसी स्थिति में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के मद्देनजर राज्य में मतदान कम से कम छह दिन टाला जाना चाहिए, ताकि 20 लाख लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें.