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जल-जीवन-हरियाली अभियान की सूचना प्रबंधन प्रणाली एवं मोबाईल ऐप्प का सीएम ने किया लोकार्पण, अधिकारियों को दिये ये निर्देश

जल-जीवन-हरियाली अभियान की सूचना प्रबंधन प्रणाली एवं मोबाईल ऐप्प का सीएम ने किया लोकार्पण, अधिकारियों को दिये ये निर्देश

PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेआज 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित समीक्षा बैठक की। वहीं समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने जल-जीवन-हरियाली अभियान की सूचना प्रबंधन प्रणाली एवं मोबाईल ऐप्प का लोकार्पण किया।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि आहर, पईन, तालाब, पोखर, कुओं एवं चापाकलों को चिन्ह्ति कर उनका ब्योरा रखें। खासकर उत्तरी बिहार के जिलों में आहर, पईन का रिकॉर्ड रखें। इसका ध्यान रखें कि आहर, पईन एक दूसरे से लिंक्ड है। 

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक कुओं का मार्च तक जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण करें। उन्होंने निर्देश देते हुये कहा कि सार्वजनिक चापाकल हर हाल में फंक्शनल रहें एवं चापाकलों का मेंटेनेंस सुनिश्चित करने के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग निरंतर निगरानी रखे। चापाकलों एवं कुओं के किनारे सोख्ता का निर्माण भी अवश्य करायें। चापाकलों के पानी का लोग दुरूपयोग नहीं करें। अगर पीने के लिये स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो और खुले में शौच से मुक्ति मिल जाये तो 90 प्रतिशत बीमारियों से छुटकरा मिल जायेगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर नल का जल योजना के माध्यम से लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, चापाकल एवं कुओं की उपलब्धता से भी इस कार्य में और सहूलियत होगी लेकिन लोग उपलब्ध पेयजल का दुरुपयोग न करें। उन्होंने कहा कि राजगीर के आॅर्डिनेंस फैक्ट्री परिसर में जल संचयन हेतु बड़ा और सुंदर तालाब का निर्माण कराया गया है। इस मॉडल के आधार पर अन्य जिलों में भी पहाड़ों के किनारे-किनारे तलहट्टी क्षेत्र में जल संचयन की संभावनाओं को भी तलाशें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि सौर ऊर्जा के उपयोग एवं उसके उत्पादन तथा ऊर्जा की बचत के लिए लोगों को प्रेरित करते रहें। इससे पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा और पैसों की भी बचत होगी। स्ट्रीट लाइटों को जलाने के लिए सौर ऊर्जा का ही उपयोग करें, इससे वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिक्रमण मुक्त कराए गए जल संचयन क्षेत्रों के किनारे बसे गरीब लोगों के पुनर्वास हेतु समुचित कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के माध्यम से कई कार्य किए जा रहे हैं, इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। जल-जीवन-हरियाली अभियान के अवयवों पर तेजी से कार्य पूर्ण करें। इसके व्यावहारिक पहलुओं पर भी विशेष ध्यान देने की जरुरत है।

वहीं समीक्षा के दौरान ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चैधरी ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के कार्यों से संबंधित जानकारी दी। 

जल-जीवन-हरियाली अभियान के मिशन निदेशक राजीव रौशन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। जल-जीवन-हरियाली अभियान के सभी अवयवों यथा आहर, पईन, तालाब/पोखर, कुओं को चिन्ह्ति कर उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराना एवं उनका जीर्णोद्धार कराना, सार्वजनिक कुओं एवं चापाकल के किनारे सोख्ता का निर्माण, छोटी-छोटी नदियों/ नालों एवं पहाड़ी क्षेत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में चेकडैम एवं जल संचयन की संरचना का निर्माण, नए जल स्त्रोतों का सृजन, गंगा जल उद्वह योजना, भवनों में छत वर्षा जल संचयन की संरचना, पौधशाला एवं सघन वृक्षारोपण, वैकल्पिक फसल, टपकन सिंचाई एवं नई तकनीकों का उपयोग, सौर ऊर्जा का उपयोग एवं ऊर्जा की बचत के लिए प्रोत्साहन के संबंध में अद्यतन प्रगति एवं जिलावार प्रगति की विस्तृत जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान गया, गोपालगंज, समस्तीपुर, सहरसा, जहानाबाद, खगड़िया एवं औरंगाबाद जिले के जिलाधिकारियों ने अपने जिलों में जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित कार्यों की प्रगति के संबंध में जानकारी दी।

कुमार गौतम की रिपोर्ट

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