पटना. बड़ी खबर बिहार उत्पाद विभाग से आ रही है. शराबबंदी को सफल बनाने के लिए बिहार सरकार ने केके पाठक को अपर मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त किया है. उनकी छवि एक तेज तर्रार और कड़क अधिकारी की मानी जाती है. बता दें कि बिहार में शराबबंदी के बाद केके पाठक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गये थे. इसके बाद उन्हें एक बार फिर बिहार सचिवालय में लाया गया है. यहां उन्हें उत्पाद विभाग में मद्य निषेद की जिम्मेदारी दी गयी है. बता दें कि इससे पहले उत्पाद विभाग में अपर मुख्य अपर सचिव चैतन्य प्रसाद थे, जिन्हें अब इस पद से मुक्त कर दिये गये हैं.
शराबबंदी कानून बनाने में थी बड़ी भूमिका
बताया जा रहा है कि 2016 में जब बिहार में शराबबंदी कानून लागू हुआ था. उस समय इस कानून बनाने में उनकी बड़ी भूमिका थी. 2016 में कानून बनने के बाद शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने इन्हें ही इस विभाग का जिम्मा दिया था. इसके बाद केके पाठक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे.
थानाधिकारियों को चेताया गया
बता दें कि बिहार में शराबबंदी को लेकर कल ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की थी. इसमें उन्होंने थानाधिकारी को सख्त निर्देश दिये थे कि जिस थाना क्षेत्र में घटनाएं होगी, उस थाना क्षेत्र के थानाधिकारी पर कार्रवाई होगी. इससे पहले भी हाल में चार जिलों में जहरीली शऱाब से हुई करीब 70 लोगों की मौत के बाद संबंधित थाना क्षेत्र के थानाधिकारी को निलंबति किया गया था.
जहरीली शराब से करीब 70 लोगों की मौत
बता दें कि बिहार में जहरीली शराब का कहर लगातार बरप रहा है. पिछले 20 दिनों में करीब जहरीली शराब से 70 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री सख्त दिख रहे थे. इस बची कल उन्होंने बड़े स्तर की अधिकारी मीटिंग ली. इस बीच मीटिंग के करीब 24 घंटे बाद सीएम नीतीश ने बिहार में मद्य निषेध को सफल बनाने के लिए केके पाठक उत्पाद विभाग का अपर मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त किया है.