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बाहुबली आनंद मोहन के गांव पहुंचे सीएम नीतीश और जदयू अध्यक्ष ललन सिंह, पचगछिया में किया दो प्रतिमाओं का अनावरण

बाहुबली आनंद मोहन के गांव पहुंचे सीएम नीतीश और जदयू अध्यक्ष ललन सिंह, पचगछिया में किया दो प्रतिमाओं का अनावरण

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को सहरसा में पूर्व सांसद आनंद मोहन के गांव का दौरा किया. सीएम नीतीश ने आनंद मोहन पैतृक गांव पंचगछिया में जाकर वहां राम बहादुर सिंह और पद्मानंद सिंह की भी प्रतिमा का अनावरण किया. बता दें कि स्वतंत्रता सेनानी रामबहादुर सिंह बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन के पिता हैं. मुख्यमंत्री के आगमन से लेकर सभा स्थल और पूर्व सांसद आनंद मोहन के आवास स्थल को सजाया गया है. पूर्व सांसद आनंद मोहन के दादा स्वतंत्रता सेनानी स्व. रामबहादुर सिंह और 1942 के क्रांतिकारी ब्रह्मचारी जी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. ब्रह्मचारी जी आनंद मोहन के चाचा है. प्रतिमा अनावरण के दौरान सीएम नीतीश के साथ जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद रहे. वहीं आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद और बेटे तथा राजद विधायक चेतन आनंद भी इस दौरान मौजूद रहे. गौरतलब है कि स्वतंत्रता सेनानी रामबहादुर सिंह को कोसी का गांधी कहा जाता है. 

ठाकुर विवाद के बाद मुख्यमंत्री के आनंद मोहन के यहां आने से बिहार की सियासत गर्माई हुई है.  पिछले दिनों लालू यादव के करीबी आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने इस पर आपत्ति जताते हुए नीतीश कुमार पर निशाना साधा था. इसके बाद उनकी जेडीयू के एक नेता से भिड़ंत्त भी हो गई. दूसरी ओर, आनंद मोहन के जेडीयू में शामिल होने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं.

पिछले दिनों उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर कहा कि आरजेडी के वरिष्ठ सांसद मनोज झा को अपशब्द कहने वाले आनंद मोहन के घर मुख्यमंत्री जा रहे हैं. वे किस तरह की राजनीति कर रहे हैं? इसके बाद जेडीयू महासचिव निखिल कुमार ने सुनील सिंह को अगलगौना कह दिया था. बता दें आनंद मोहन शिवहर से सांसद भी रहे हैं. उनकी पत्नी लवली आनंद भी वैशाली से सांसद रही हैं, जबकि उनके बेटे चेतन आनंद फ़िलहाल शिवहर से आरजेडी के विधायक हैं. 

बिहार में शिवहर, सहरसा, वैशाली, औरंगाबाद और इनके आसपास के इलाक़ों में राजपूत वोटरों का बड़ा असर माना जाता है. आनंद मोहन जेल में रहकर चुनाव जीत गए थे, इसे राजपूत बिरादरी में उनका असर माना जाता है. राजपूतों का कुछ वोट आरजेडी के साथ है ही, लेकिन रघुवंश प्रसाद सिंह अब नहीं रहे. वहीं जगदानंद सिंह के बटे से आरजेडी की ठीक से बनती नहीं है, ऐसे में महागठबंधन को एक राजपूत चेहरा चाहिए और आनंद मोहन के प्रभावशाली चेहरा माने जाते हैं. हालांकि उनके जदयू में शामिल होने को लेकर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है. 


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