PATNA : कल तक एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते थे, सिर्फ नाम ले लेने से बिदक जाते थे, कभी जिसे विश्वासपात्र समझकर अपना ताज और राज दे दिया था वो जब बगावत का साज बजाने लगा तो समझिए कि दिल पर क्या बीती होगी?
जी हां हम बता रहे हैं नीतीश कुमार और पूर्व सीएम व हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के बीच बनते बिगड़ते रिश्तों के बारे में। एक लंबी कटुता के बाद कल मांझी नीतीश कुमार के दावते इफ्तार में पहुंची थे और लगे हाथ अपने यहां वाला इफ्तार का निमंत्रण भी दे दिया ।
फिर क्या था आज नीतीश मांझी के यहां पहुंच गए। जी हां इतना ही नही गर्मजोशी से गले भी मिले। गले मिलने के बाद मांझी ने यहां तक कहा कि राजनीति में न तो कोई स्थायी दुश्मन होता है और न दोस्त। मतलब साफ है कि इन दोनों का दिल एक दूसरे के लिये फिर से धड़कने लगा है ।
भला यह तो राजनीति है जो पल भर में रंग बदल लेती है । बिहार में रंग बदलकर सियासत के शतरंजी बिसात पर रंग जमाने का खेल खेला जा चुका है। अब आगे क्या होगा यह तो वक्त बताएगा लेकिन दिलों का धड़कना दल की दूरी को कम जरूर कर सकता है और फिर कोई नया सियासी समीकरण जन्म ले ले तो कोई अतिशयोक्ति न होगी।